किसान आंदोलन के बीच योगी सरकार ने MSP को लेकर किया किया दावा…

कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर तगड़ी बहस छिड़ी हुई है. इसी बहस के बीच उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार ने एक बड़ा दावा पेश किया है. दरअसल, योगी सरकार ने MSP की शंकाओं को निर्मूल साबित करते हुए किसानों को धान, गेंहू और गन्ना खरीद पर 61 हजार करोड़ रुपए के भुगतान का दावा किया है.

MSP को लेकर योगी सरकार ने किया ये दावा

योगी सरकार ने दावा किया है कि पिछले चार साल में प्रदेश के 25 लाख से अधिक किसानों को धान के लिए 31,904.78 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया है. इसी समयावधि में सरकार ने 33 लाख से ज्यादा किसानों को गेहूं के लिए 29,017.45 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया है.

खाद्य एवं रसद विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य सरकार ने 14 दिसंबर तक गेहूं और धान के मद में 60,922.23 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. पिछली सरकारें इसके इर्द-गिर्द भी नहीं हैं. न खरीद और भुगतान में न ही पारदर्शिता में. किसानों की फसल के दाने दाने का भुगतान करने की नीति के तहत राज्य सरकार ने कार्यकाल के पहले वर्ष 2017-18 में 42.90 लाख मी. टन धान खरीद के लिए 6,663.32 करोड़ रुपये का भुगतान किया. 2018-19 में 48.25 लाख मी. टन के लिए 8449.39 करोड़ रुपये का भुगतान किया.

वर्ष 2019-20 में 56.47 लाख मी. टन के लिए 10,274.25 करोड़ और 2020-21 में 14 दिसंबर तक 34.86 लाख मी. टन धान खरीद के लिए किसानों को 6,517.82 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. योगी सरकार ने 14 दिसंबर तक प्रदेश भर में अपने 14,902 धान क्रय केंद्रों के जरिये कुल 179.48 लाख मी. टन धान खरीद की. राज्य सरकार ने 25,29,760 किसानों को धान की फसल के लिए अब तक कुल 31904.78 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जो कि प्रदेश में अब तक का रिकार्ड है.

गेहूं खरीद के मामले में भी योगी सरकार ने जबरदस्त बढ़ोत्तरी दर्ज की है. खाद्य तथा रसद विभाग के 14 दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक योगी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में 33,45,065 किसानों से कुल 162.71 लाख मी. टन गेहूं की खरीद की. प्रदेश में सबसे ज्यादा 24,256 क्रय केंद्रों के जरिये खरीदे गए गेहूं के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कुल 29017.71 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

इसके अलावा क्रय केंद्रों पर वर्षों से किसानों के साथ चली आ रही बिचैलियों की परंपरा को समाप्त करते हुए योगी सरकार ने किसानों से सीधे खरीद की प्रक्रिया शुरू की. ई उपार्जन पोर्टल बना कर किसानों को सीधे पंजीकरण की सुविधा दी गई ताकि बिचैलियों को बाहर किया जा सके. ई उपार्जन पोर्टल को राजस्व पोर्टल से लिंक कराया गया ताकि खतौनी के गाटा संख्या का आनलाइन सत्यापन किया जा सके.

सीमांत एवं लघु किसानों को खाद्यन्न बेचने में कठिनाई न हो, इसके लिए 100 क्विंटल तक खरीद को राजस्व विभाग के सत्यापन से मुक्त रखा गया और 100 क्विंटल से अधिक बिक्री करने वाले किसानों को राजस्व विभाग से सत्यापन की सुविधा दी गई. लघु व सीमांत किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए हप्ते के दो दिन योगी सरकार ने आरक्षित किए. महिला किसानों को खाद्यान्न बेचने में योगी सरकार ने प्राथमिकता दी.

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गौरतलब है कि इससे पहले गन्ना किसानों को 1,11,063.34 करोड़ रुपए का भुगतान कर योगी सरकार ने प्रदेश में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. अखिलेश सरकार के कार्यकाल में गन्ना किसानों के 10659.42 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान भी योगी सरकार ने किसानों को किया है.