अयोध्या के बाद अब माघ मेले में मथुरा-काशी की मुक्ति के पूजा-पाठ शुरू हो गया हैं। इसके लिए साधु -संतों ने मास पर्यंत जप, तप, दीपदान और यज्ञ अनुष्ठानों का संकल्प लिया है। कई शिविरों में मथुरा-काशी मुक्ति के लिए यज्ञ आरंभ हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक महीने भर यज्ञ वेदियों पर दीप जलाकर सनातन परंपरा के दोनों शीर्ष तीर्थ स्थलों की मुक्ति के लिए आराधना की जाएगी। इसमें संतों के साथ कल्पवासी भी शामिल होंगे।
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अब मथुरा-काशी की मुक्ति के लिए यज्ञ शुरू, प्रतिदिन जलेंगे हजारों दीपक
बता दें कि मथुरा-काशी की मुक्ति के लिए संगम किनारे शिव योगी मौनी स्वामी ने मथुरा-काशी की मुक्ति के लिए यज्ञ शुरू कर दिया है। चार सौ से अधिक त्रिशूलों से ऊं आकार में सजी वेदियों पर मथुरा-काशी की मुक्ति के लिए सवा लाख दीप जलाए जाएंगे। नौ निधियों के रूप में वेदियां बनाई गई हैं। इसमें कृष्ण जन्मूमि को मुक्त कराने के लिए प्रतिदिन हजारों दीप जलाए जाएंगे।
इससे पहले बाबा ने लगातार 30 वर्षों तक दीपयज्ञ किया था। इसी तरह त्रिवेणी मार्ग पर लवकुश सेवा मंडल अयोध्या के शिविर में भी माघ मेले की पूर्णाहुति तक मथुरा-काशी की मुक्ति के लिए शतचंडी यज्ञ किया जा रहा है। पीठाधीश्वर महंत रामकेवल दास ने बताया कि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद इस बार संगम के कल्पवास में मथुरा-काशी की मुक्ति के लिए विशेष यज्ञ का निर्णय लिया गया है। इस यज्ञ में नियमित संतों के साथ कल्पवासी भी जप और आहुति में शामिल हो रहे हैं।