भारतीय कुश्ती फेडरेशन की 22 जनवरी को होने वाली कार्यकारिणी की बैठक को रद्द कर दिया गया है। अब ये बैठक चार सप्ताह बाद यानी एक महीने के बाद आयोजित होगी। खेल मंत्रालय के आदेश के बाद इस बैठक को रद्द करने का फैसला लिया गया है। बता दें कि इस बैठक में भारतीय कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष ब्रिज भूषण शरण सिंह सदस्यों के सामने अपना पक्ष रखने वाले थे।
गौरतलब है कि इस मामले में खेल मंत्रालय लगातार काफी सख्त फैसले ले रहा है। शनिवार को भी मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती फेडरेशन के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को सस्पेंड किया था। मंत्रालय ने अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें सस्पेंड किया था। आरोप है कि विनोद तोमर ने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन में बयान दिया था।
हर गतिविधि पर लगी रोक
जानकारी के मुताबिक खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पूरी होने तक संघ की हर गतिविधि पर रोक लगा दी है। यहां तक की अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को भी संघ के हर काम से दूर रहने की हिदायत दी है।
गौरतलब है कि मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि उसने डब्ल्यूएफआई को सभी वर्तमान गतिविधियां तुरंत प्रभाव से स्थगित करने का निर्देश दिया है। इनमें महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के गढ़ माने जाने वाले गोंडा में होने वाला रैंकिंग टूर्नामेंट भी शामिल है। शरण पर देश के कुछ नामी पहलवानों ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इन पहलवानों में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया भी शामिल हैं। मंत्रालय ने शनिवार को ही डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए संस्था के सहायक सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया था।
शुक्रवार को शरण के पुत्र प्रतीक ने कहा था कि उनके पिता इस खेल संस्था की बैठक के बाद उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बयान जारी करेंगे। खेल मंत्रालय ने भले ही शरण को डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कामकाज से दूर रहने के लिए कहा है लेकिन शनिवार को वह नंदिनी नगर में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान उपस्थित थे। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शरण और उनकी संस्था के खिलाफ चोटी के पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को निगरानी समिति गठित करने की घोषणा की थी। इस समिति के नामों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है।
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मंत्रालय ने शनिवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि उसने डब्ल्यूएफआई के खिलाफ खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए विभिन्न आरोपों की जांच के लिए निगरानी समिति गठित करने के सरकार के फैसले से भारतीय कुश्ती महासंघ को अवगत करा दिया है। विज्ञप्ति में कहा गया था कि जब तक निगरानी समिति की औपचारिक नियुक्ति नहीं हो जाती और वह डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कामों को नहीं संभालती तब तक डब्ल्यूएफआई को तुरंत प्रभाव से अपनी सारी गतिविधियों को स्थगित करना होगा।