पुतिन की वीटो पावर क्यों नहीं बचा सकी रूस को UNHRC से बाहर होने से? समझिए

why veto power didn’t saved russia in UNHRC? यूक्रेन पर हमला करके कत्लेआम मचाने वाले रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से निलंबित कर दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में गुरुवार को वोटिंग के बाद बहुमत से ये फैसला लिया गया. रूस पर आरोप है कि उसके सैनिकों ने राजधानी कीव के पास बूचा से लौटते समय 300 से ज्यादा आम नागरिकों का नरसंहार कर डाला. कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि रूस को तो यूएन में वीटो पावर हासिल है. इसके जरिए वह किसी भी प्रस्ताव को खारिज करवा सकता है. फरवरी में रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव को वीटो करके खारिज करवा दिया था. लेकिन क्या हुआ कि UNHRC से सस्पेंड करने के प्रस्ताव पर रूस अपनी वीटो पावर इस्तेमाल नहीं कर सका. इस सवाल का जवाब जानेंगे, साथ ही ये भी कि वीटो पावर क्या होती है, किस देश ने कितनी बार इसका इस्तेमाल किया है और UNHRC में रूस पर क्या पहले भी कभी गाज गिरी है?

वीटो पावर होती क्या है, किसे मिलती है?

वीटो मतलब किसी बात को खारिज करने का अधिकार. संयुक्त राष्ट्र की सबसे ताकतवर संस्था सुरक्षा परिषद (UNSC) के 5 स्थायी सदस्यों के पास ये अधिकार है कि वो किसी प्रस्ताव को वीटो कर सकते हैं. ये देश हैं- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस. UNSC के 5 स्थायी और भारत जैसे 10 अस्थायी देशों के बीच यही सबसे बड़ा अंतर है. यूएन के स्थायी देश अपनी विदेश नीति और मौजूदा हालात को देखते हुए इसका प्रयोग करते हैं. चीन भी कई बार भारत से जुड़े मसलों पर वीटो पावर यूज कर चुका है.

वीटो का इस्तेमाल कहां किया जा सकता है?

वीटो पावर रखने वाले देश इसका इस्तेमाल सुरक्षा परिषद में करते हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा के इमरजेंसी स्पेशल सत्र में भी वीटो का प्रयोग नहीं किया जा सकता. गुरुवार को महासभा के जिस सत्र में रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर करने का प्रस्ताव पास हुआ था, उसे अमेरिका, यूके समेत 7 देशों के ग्रुप ने पेश किया था. इस पर 93 देशों ने हां में वोट दिया, जबकि चीन समेत 24 देशों ने इसके खिलाफ में मतदान किया. भारत, ब्राजील, मैक्सिको समेत 58 देश वोटिंग के दौरान गैरहाजिर रहे.

किसने कितनी बार वीटो का इस्तेमाल किया?

सुरक्षा परिषद में पहली बार 1946 में वीटो पावर का इस्तेमाल किया गया था. तब से लेकर अब तक परिषद में लगभग 293 बार विभिन्न प्रस्तावों को वीटो किया जा चुका है. इनमें सबसे ज्यादा 143 बार इसका प्रयोग रूस (पूर्व सोवियत संघ) ने किया है. उसके बाद अमेरिका (83) और यूके (32) का नंबर आता है. पांचों देशों में सबसे कम चीन ने सिर्फ 16 बार वीटो पावर का रौब दिखाया है.

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UNHRC क्या काम करती है?

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद यूएन की एक अंतर सरकारी संस्था है. स्विट्जरलैंड के जिनीवा में इसका मुख्यालय है. 47 देश इसके सदस्य हैं. इसका काम विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए कदम उठाना है. अगर कहीं पर मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है तो ये संस्था दखल दे सकती है. इसके सदस्य तीन साल के लिए चुने जाते हैं. रूस की फिर से सदस्यता 2021 में शुरू हुई थी. लेकिन UNHRC की सबसे बड़ी कमी यही है कि यह सिर्फ सिफारिश कर सकती है, इसके फैसले किसी देश पर बाध्यकारी नहीं होते.