पोलैंड में हुए वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स इंडोर चैंपियनशिप में भगवानी देवी डागर ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। हरियाणा की रहने वाली भगवानी देवी डागर की उम्र 95 साल है। 100 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता में भगवानी देवी इतना तेज दौड़ी कि उनकी उम्र का कोई भी नहीं दौड़ पाया। इसी के साथ उन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है।
हरियाणा की रहने वाली हैं भगवानी देवी
हरियाणा के खेकड़ा गांव की रहने वाली भगवानी देवी की शादी सिर्फ 12 साल की उम्र में हो गई थी और 30 साल की उम्र में वे विधवा हो गईं। पति की मृत्यु के बाद भगवानी देवी ने यह फैसला किया कि वे कभी शादी नहीं करेंगी। उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा अपनी बेटी और पेट में पल रहे बच्चे की परवरिश में लगाने का निर्णय लिया। चार साल के बाद उनकी बेटी की भी मौत हो गई और सिर्फ बेटा ही उनका सहारा बना। लेकिन भगवानी देवी ने हार नहीं मानी और खुद के साथ अपने बच्चे को संभालने के लिए कड़ी मेहनत करने लगी। उनकी बहन की शादी भी उसी घर में हुई थी और बहन के सपोर्ट से भगवानी देवी ने दिल्ली नगर निगम में क्लर्क की नौकरी हासिल की। इससे उनकी जिंदगी फिर से पटरी पर लौट आई।
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तीन बच्चों की दादी हैं भगवानी देवी
बेटे की शादी हुई और भगवानी देवी तीन बच्चों की दादी बन गईं। इनमें सबसे बड़ा विकास डागर है, जिसका स्पोर्ट्स से बेहद लगाव है। विकास डागर ने भारत के लिए कई प्रतियोगिताएं खेली हैं। पारा एथलेटिक्स में कई कंपीटिशन जीतने वाले विकास को खेल रत्न अवार्ड भी मिल चुका है। वे एशियन गेम्स के भी चैंपियन रह चुके हैं। विकास की वजह से ही भगवानी देवी ने स्पोर्ट्स में रुचि दिखानी शुरू की और 95 साल की उम्र में देश के लिए सोना जीतकर नया कीर्तिमान बना दिया है।