नाश्ते का बिल 184 रुपये आया तो विधायक पीपी चितरंजन के होश उड़ गए, कलेक्टर से कर दी शिकायत

तिरुवनंतपुरम: केरल के अलाप्पुझा जिले के एक रेस्तरां में नाश्ता करने के बाद जैसे ही बिल आया, नाश्ता करने वाले शख्स के होश उड़ गए। रेस्तरां में नाश्ता करने वाले शख्स थे  मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक और ट्रेड यूनियन नेता पी. पी. चितरंजन और नाश्ते का बिल आया था कुल 184 रुपये। चितरंजन ने कहा कि वह अपने गृह जिले अलाप्पुझा के एक स्थानीय रेस्तरां से नाश्ते का बिल पाकर हैरान रह गए, क्योंकि एक अंडा करी और कुछ अप्पम के लिए 184 रुपये का बिल आ गया था

‘मैंने सिर्फ 5 अप्पम और एक एग करी ली थी’

चितरंजन ने कहा, ‘मैंने केवल 5 अप्पम और एक अंडा करी (100 रुपये) ली थी, जिसमें 2 अंडे और कुछ ग्रेवी थी और बिल 184 रुपये आया। मैं चौंक गया और मैंने पूछा कि क्या उसके बिल में कोई गलती है? जब जवाब आया कि बिल सही है, तो इसके बाद मैंने शिकायत दर्ज करने का फैसला किया। मैंने अलाप्पुझा के जिला कलेक्टर के पास इस मामले की शिकायत की।’ विधायक ने कहा कि रेस्तरां ने जो अप्पम परोसा था वह इतना पतला था कि अगर पंखा चलाया जाता, तो उड़ जाता।

‘4 या 4.50 रुपये का एक अंडा आता है और बिल…’

विधायक ने आगे कहा, ‘एक अंडे की कीमत कितनी है? 4 रुपये या 4.50 रुपये? और एक किलो प्याज की कीमत 15 रुपये है और मुझे जो बिल मिला है उसे देखें।’ उन्होंने आगे कहा कि कोई एयर कंडीशन भी नहीं था। विधायक ने शनिवार को जो शिकायत दी थी, उसका असर दिखाई दिया और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने इलाके में कई रेस्तरां पर छापा मारा। अफसरों ने पाया कि कुछ होटलों और रेस्तरां में उनकी सेवा की कोई मूल्य सूची नहीं थी।

विधायक ने आगे कहा, ‘एक अंडे की कीमत कितनी है? 4 रुपये या 4.50 रुपये? और एक किलो प्याज की कीमत 15 रुपये है और मुझे जो बिल मिला है उसे देखें।’ उन्होंने आगे कहा कि कोई एयर कंडीशन भी नहीं था। विधायक ने शनिवार को जो शिकायत दी थी, उसका असर दिखाई दिया और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने इलाके में कई रेस्तरां पर छापा मारा। अफसरों ने पाया कि कुछ होटलों और रेस्तरां में उनकी सेवा की कोई मूल्य सूची नहीं थी।

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सभी रेस्तराओं के लिए होगी एक रेट लिस्ट की व्यवस्था

बाद में अधिकारियों ने तय किया कि होटल और रेस्तरां को उनकी सुविधाओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा और एक समान मूल्य सूची होगी। हालांकि कई होटल और रेस्तरां इस तरह के किसी भी नियम से असहमत होते दिख रहे हैं। उनका कहना है कि हर रेस्तरां के अलग-अलग खर्चे हैं और रसोई गैस समेत तमाम जरूरी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं।