‘किस बात का आंदोलन?’ शाह बोले- MLA, MP के साथ SIT के सामने नाटक करते नहीं गए थे मोदी!

साल 2002 गुजरात दंगों में सुप्रीम कोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चिट को बरकरार रखा है। इसपर शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उस दौरान मोदी पर आरोप लगाने वालों से माफी की मांग की है। साथ ही उन्होंने इशारों-इशारों में मोदी की SIT के सामने और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ED के समक्ष पूछताछ की तुलना की है।

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू गृहमंत्री शाह ने कहा, ‘मोदी जी SIT के सामने नाटक करते हुए नहीं गए थे कि मेरे समर्थन में आओ गांव-गांव से आओ, नहीं आते तो MLA को बुला लो, MP को बुला लो, पूर्व सांसद को बुला लो।’

नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ की थी। 13 जून से शुरू हुई पूछताछ के साथ ही दिल्ली समेत देश के कई शहरों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था। वहीं, कांग्रेस नेता के समर्थन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ सड़कों पर जुटी थी।

भाजपा ने क्यों नहीं किया मोदी के लिए आंदोलन?

साक्षात्कार के दौरान सवाल किया गया कि भाजपा की प्रतिक्रिया को लेकर भी सवाल किया। शाह ने कहा, ‘हम मानते थे कम हमें न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, SIT काम कर रही है। अगर SIT चाहती है कि मुख्यमंत्री जी से सवाल पूछना, तो मुख्यमंत्री खुद कहते हैं कि मैं सहयोग करने के लिए तैयार हूं, तो किस चीज का आंदोलन करना है। हमारे यहां कोई भी व्यक्ति न्याय की परिधि से बाहर नहीं है।’

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माफी की मांग

गृहमंत्री ने बताया कि उस दौरान ‘मेरी’ गिरफ्तारी पर भी धरने नहीं हुए थे। शीर्ष अदालत की तरफ से फैसला आने के बाद शाह ने कहा कि इससे भाजपा पर लगा धब्बा धुल गया है। साथ ही उन्होंने मोदी पर आरोप लगाने वालों से माफी की मांग की है।