क्रूज ड्रग पार्टी केस में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद अवैध वसूली के आरोपों में घिरे एनसीबी के जोनल डायरेक्टर बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। दरअसल, एनसीबी के आला अधिकारियों ने समीर वानखेड़े के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। एनसीबी के उप महानिदेशक (डीजी) ज्ञानेश्वर सिंह द्वारा जारी किये गए इंटरनल इंक्वायरी के आदेश की जांच विभाग की विजिलेंच टीम करेगी।
समीर वानखेड़े के खिलाफ गवाह ने दी जानकारी
दरअसल, क्रूज ड्रग्स मामले में एक गवाह प्रभाकर सेल ने दावा किया है कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को रिहा करने के लिए समीर वानखेड़े ने 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस मामले में कोर्ट में एनसीबी ने हलफनामा भी दायर किया है। एनसीबी के हलफनामे में गवाह के मुकर जाने और जांच में छेड़छाड़ के लिए कुछ लोगों द्वारा प्रभाव का इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई है।
एनसीबी के डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा है कि मैं समीर वानखेड़े के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की निगरानी कर रहा हूं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या समीर वानखेड़े इस पद पर बने रहेंगे? डीजी सिंह ने कहा, ‘अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। हमने अभी जांच शुरू की है।’
मुंबई एनसीबी के अधिकारियों ने जांच एजेंसी के खिलाफ आरोपों पर एनसीबी के महानिदेशक को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। सूत्रों के मुताबिक, एनसीबी के मुख्य सतर्कता अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह को समीर वानखेड़े पर विजिलेंस जांच की आंतरिक जांच का जिम्मा सौंपा जाएगा। समीर वानखेड़े मंगलवार (26 अक्टूबर) को समीक्षा बैठक के लिए दिल्ली एनसीबी मुख्यालय पहुंचेंगे।
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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और उसके क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े मुंबई ड्रग्स मामले में गवाहों के भुगतान के आरोपों के बाद सत्र अदालत में दो हलफनामे दाखिल किए हैं। समीर वानखेड़े ने अपने हलफनामे में अदालत से उन्हें धमकी देने और जांच में बाधा डालने के प्रयासों का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। दूसरी ओर, एनसीबी के हलफनामे में गवाह के मुकर जाने और जांच में छेड़छाड़ के लिए कुछ लोगों द्वारा प्रभाव का इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई है। एनसीबी ने हलफनामे में कहा कि गवाह अपनी बातों से मुकर रहा है।