योगी सरकार में उत्तर प्रदेश बना निवेशकों की पहली पसंद, 24 देशों ने किया 50 हजार करोड़ का निवेश

बेहतर कानून व्यवस्था हो तो कैसे किसी प्रदेश का कायाकल्प हो सकता है इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश बनकर उभरा है. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश विदेशी निवेशकों की पहली पसंद बना है. यूपी में 24 से ज्यादा देशों ने 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है. अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अगले साल जनवरी में होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर समिट-23 (जीआईएस) से प्रदेश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और बढ़ेगी. इससे प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य भी पूरा होने की संभावना है.

बता दें कि सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक माहौल बनाने के लिए लगातार प्रयास किए हैं. पहले कानून-व्यवस्था को दुरुस्त किया और फिर निवेशकों को भयमुक्त वातावरण का वादा निभाया. औद्योगिक विकास विभाग ने विदेशी निवेश को लेकर बनाई डेडीकेटेड हेल्पडेस्क भी बनाया. इसका परिणाम रहा कि पिछले पांच वर्ष में 12 देशों से 26,371 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले. 39 परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटित हुई. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इन निवेश से 38 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा.

उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले प्रमुख निवेशक देशों में सिंगापुर, यूएस, जापान, यूके, कनाडा, जर्मनी और दक्षिण कोरिया की कंपनियां हैं. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट यानी जीआईएस 23 के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 93 दूतावासों, विदेश मंत्रालयों और इन्वेस्ट इंडिया को पत्र लिखा गया है. विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न नीतियों को अपग्रेड किया जा रहा है. साथ ही कुछ नई नीतियां भी लाई जा रही हैं. इसके लिए सरकार की ओर से पूरी तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि इससे प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य भी पूरा होगा.

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बता दें कि हाल में ही योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर की एक सभा में कहा था कि उत्तर प्रदेश में कोई  निवेशक नहीं  आना नहीं चाहता था, लेकिन अब प्रदेश में कोई दंगा नहीं होता. कानून-व्यवस्था चुस्त की गई है और इसके लिए लगातार हमारी पुलिस काम कर रही है. इसी का परिणाम है कि प्रदेश में निवेश के लिए निवेशक आ रहे हैं, रोजगार का सृजन हो रहा है, जो उत्तर प्रदेश के बदलते स्वरूप के बारे में बता रहा है.