जम्मू-कश्मीर में सेना के जवानों ने 15 अगस्त से पहले उरी जैसी बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है. यहां राजौरी जिले में आज गुरुवार को सेना की सतर्क टुकड़ियों ने एक आतंकवादी ‘फिदायीन’ (आत्मघाती) हमले को नाकाम कर दिया, जिसमें दो सुसाइड बॉम्बर आतंकवादी ढेर हो गए. वहीं तीन जवान शहीद हो गए. रक्षा सूत्रों ने बताया, ‘आतंकवादियों ने आज तड़के राजौरी जिले के दरहल इलाके में बुद्ध कनाडी के पास परगल में सेना के शिविर की बाड़ को पार करने की कोशिश की.’
उन्होंने आगे बताया, ‘ड्यूटी पर तैनात जवानों ने घुसपैठियों को चुनौती दी और दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई.दो घुसपैठ करने वाले आतंकवादी मारे गए हैं. इस ऑपरेशन के दौरान सेना के तीन जवानों को भी ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी.’ वही सूत्रों ने कहा कि यह आतंकवादियों द्वारा किया गया एक ‘फिदायीन’ (आत्मघाती) हमला था, जिसे नाकाम कर दिया गया. इलाके की तलाशी के लिए अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है.
2016 में हुआ था आर्मी हेडक्वार्टर पर हमला
मालूम हो कि साल 2016 में अंधेरे का फायदा उठाते हुए आतंकी संगठन जैश-मोहम्मद के आतंकियों ने उरी में सेना के हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया था. इसमें हमने सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के तुरंत बाद सेना ने सर्जिकल स्ट्राइल कर पीओके में घुसकर आंतकियों को मौत के घाट उतार दिया था.
कल भी ढेर किए थे तीन आतंकी
इससे पहले बडगाम जिले के वाटरहेल में बीते बुधवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई. इसमें सेना ने तीन आंतकियों को ढेर कर दिया. मारे गए आतंकवादियों में एक कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट का हत्यारा भी शामिल है. राहुल भट की 12 मई को बडगाम में उनके कार्यालय के अंदर हत्या कर दी गई थी.
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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एडीजीपी (कश्मीर जोन) विजय कुमार के हवाले से ट्वीट किया, ‘आतंकवादी लतीफ राथर उर्फ अब्दुल्ला, राहुल भट और अमरीन भट का हत्यारा, बुधवार को मारे गए तीन आतंकवादियों में शामिल था. वह नागरिक हत्याओं और अन्य अत्याचारों सहित कई आतंकी अपराध के मामलों में शामिल था.’