उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बुधवार से पूरे राज्य में शराब की तस्करी और इसके अवैध निर्माण के खिलाफ 16 दिनों का अभियान शुरू कर रही है. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, सुनसान स्थानों और खाली इमारतों पर भी नजर रखी जाएगी, ताकि अवैध शराब की बिक्री और खपत के लिए इनका इस्तेमाल किए जाने की संभावना को खत्म किया जा सके. प्रवक्ता ने आगे बताया, अवैध शराब को बढ़ावा देने, भंडारण करने, बेचने जैसे कार्यो में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. आरोपियों पर गैंगस्टर्स एक्ट सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.
राज्य सरकार पहले ही प्रदेश में शराब माफियाओं की संपत्तियों को ध्वस्त कर चुकी है.
प्रवक्ता ने आगे बताया, परित्यक्त कारखानों, आरओ जल संयंत्रों और जर्जर, सुनसान इमारतों जैसे स्थानों पर अवैध शराब बनाने के कई उदाहरण सामने आए हैं. राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गो पर निष्क्रिय ईंट भट्ठों पर भी छापेमारी की जाएगी. सभी दुकानों पर नियमित रूप से शराब के स्टॉक की जांच की जाएगी ताकि उनके माध्यम से अवैध शराब बेचे जाने की संभावना से बचा जा सके. शराब के स्टाक के बारकोड भी टैली किए जाएंगे. सभी शराब दुकानों को यह सुनिश्चित करना है कि उनके स्टोर के बाहर लगे सीसीटीवी काम कर रहे हैं.
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आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन ने कहा, हम चाहते हैं कि लोग शराब की किसी भी संदिग्ध गतिविधि, या अवैध शराब की बिक्री या निर्माण में लगे लोगों या उनके कब्जे में पाए जाने पर हमारे टोल फ्री नंबरों पर रिपोर्ट दर्ज करें.
अधिकारी ने कहा, सड़क किनारे भोजनालयों पर भी नजर रखी जाएगी, जहां आमतौर पर रात में शराब के टैंकर खड़े रहते हैं.