उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना के रुझानों में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा चुनावी रुझानों में भाजपा से काफी पीछे चल रही है। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की हालत जहां खस्ता हुई वहीं कांग्रेस का सूपड़ा एकदम साफ हो गया है। प्रियंका के धुआंधार प्रचार के बावजूद यूपी चुनाव में कांग्रेस फ्लाप साबित हुई है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने करीब एक साल पहले उत्तर प्रदेश की प्रभारी के तौर कमान संभाली थी। तब से लगातार प्रियंका गांधी किसानों, नौजवानों और महिलाओं के मुद्दों को लेकर मुखर थीं। उत्तर प्रदेश में सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने में उन्होंने सपा को पीछे छोड़ दिया है।
प्रियंका ने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा देकर सबका ध्यान आकृष्ट किया, लेकिन उनका नारा कामयाब साबित नहीं हुआ। उन्होंने 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिया और प्रत्याशियों के पक्ष में धुआंधार प्रचार भी किया, लेकिन उनकी यह कोशिश भी परवान नहीं चढ़ सकी।
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वर्ष 2017 में कांग्रेस के सात विधायक चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे। उसमें से प्रियंका की यूपी में सक्रियता के बाद 04 विधायक पार्टी छोड़कर चले गये। इसके अलावा उत्तर प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाकर पार्टी से किनारा कर लिया। दिग्गज कांग्रेसी जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह जैसे नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया। रायबरेली जिले के दो विधायक राकेश सिंह और अदिति सिंह पहले ही भाजपा में शामिल हो गये थे।