इलाहाबद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के बाद यूपी नगर निकाय चुनाव लंबे समय के लिए टल सकता है. दरअसल, हाईकोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ने ओबीसी रिजर्वेशन तय करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन तो कर दिया, लेकिन सर्वे का काम आसान नहीं है. सर्वे पूरा करने में 6 महीने का वक्त लग सकता है. ऐसे में चुनाव मई-जून तक टल सकता है. यही वजह है कि सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर आरक्षण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए वक्त मांगा है.
ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए बनाए गए आयोग के अध्यक्ष राम अवतार सिंह भी इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए राम अवतार सिंह ने बताया कि ओबीसी आरक्षण का कार्य चुनौतीपूर्ण है. जिले-जिले जाकर आरक्षण को लेकर सर्वे करना होगा. इस पूरी प्रक्रिया में 6 महीने का वक्त लगेगा. उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जो जजमेंट हुए हैं, उन्हीं के दिशा निर्देश पर काम किया जाएगा. आयोग को रिपोर्ट देने में लगभग 6 महीने का समय लगेगा.
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बोर्ड परीक्षा भी है वजह
आयोग की रिपोर्ट में लगने वाले वक्त के अलावा फ़रवरी में ही गक्लोबाल इन्वेस्टर्स समिट होना है. फ़रवरी मार्च में यूपी बोर्ड के साथ अन्य बोर्ड की परीक्षाएं भी प्रस्तावित है. लिहाजा उम्मीद यही जताई जा रही है कि निकाय चुनाव मई-जून में हो सकता है. सरकार भी सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग करेगी जिसमें 31 जनवरी तक चुनाव संपन्न कराने को कहा गया है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण तय करने के बाद ही चुनाव कराने के लिए वक्त मांगा है.