राज्यसभा में पेगासस मामले को लेकर हंगामा करना तृणमूल सांसदों को पड़ा भारी, मिली कड़ी सजा

संसद में जारी मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को पेगासस जासूसी मामले को लेकर आसन के समीप आकर हंगामा और नारेबाजी करने वाले तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।

राज्यसभा में तृणमूल सांसदों ने किया हंगामा

राज्यसभा के सभापति ने सदन की कार्यवाही शुरू होने पर किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए सदस्यों के नोटिस को स्वीकार करने की सूचना दी। इसी दौरान अन्य विपक्षी दलों के साथ तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप आकर पेगासस मामले पर चर्चा की मांग कराए जाने को लेकर हंगामा और नारेबाजी करने लगे।

नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों को वापस सीट पर लौटने को कहा, किंतु उन्होंने इसे अनसुना कर दिया। नायडू के बार-बार अपील करने के बावजूद जब सदस्य अपनी सीटों पर नहीं लौटे और तख्तियां लहराने लगे तो सभापति ने कहा कि जो सदस्य आसन के निकट तख्तियां दिखा रहे हैं, उनके नाम नियम 255 के तहत जारी किए जाएंगे और उन्हें दिन भर की कार्यवाही से निलंबित कर दिया जाएगा।

सभापति की चेतावनी के बावजूद, जब सदन में हंगामा जारी रहा तो नायडू ने इसे आसन की अवज्ञा बताते हुए नारेबाजी और तख्तियां दिखा रहे सदस्यों को नियम 255 के तहत सदन से बाहर जाने को कहा।

तत्पश्चात राज्यसभा सचिवालय ने सभापति को आसन की अवज्ञा कर रहे छह सदस्यों के नाम दिए। इन सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस की डोरा सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता क्षेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर का नाम शामिल है।

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राज्यसभा ने एक बुलेटिन जारी कर कहा कि सदन के ये सदस्य तख्तियां लेकर आसन के निकट आ गए और नारेबाजी करने लगे। उनका आचरण अनुचित था और आसन की अवज्ञा के कारण उन्हें दिन भर की कार्यवाही से निलंबित किया जाता है।