सांस फूलने पर हो सकती है ये गंभीर बीमारियां, जाने क्या है इसके घरेलू उपाये

कुछ लोगों को कोई भी काम करते हुए अचानक से सांस फूलने की समस्या हो सकती है, भले ही केवल थोड़े समय के लिए ऐसा हो। कुछ लोगों को यही दिक्कत लंबे समय तक या नियमित रूप से हो सकती है। सांस फूलना या सांस चढ़ना एक ऐसी बेचैनी वाली स्थिति है जिसमें फेफड़ों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचने में दिक्कत होने लगती है। जब व्यक्ति ज्यादा मेहनत भरा या तनाव भरा काम करता है, तो सांस फूलना आम है लेकिन किसी तरह की मेहनत किए बिना अचानक यह समस्या होती है तो यह एक मेडिकल स्थिति हो सकती है।

सांस फूलने पर दिखते हैं ये लक्षण

सांस फूलने पर ऐसा लगता है जैसे कि सांस लेने में कठिनाई हो रही है, गहरी सांस नहीं ले पा रहे हों और इसके साथ छाती में जकड़न भी लग सकती है। अचानक होने वाली सांस फूलने की समस्या कुछ मिनट में विकसित हो जाती है और इसमें बुखार, चकत्ते, खांसी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। जिन लोगों को फेफड़ों या दिल से जुड़ी बीमारियां हैं, उन्हें लेटने से सांस फूलने की समस्या हो जाती है। अगर सांस फूलने और छाती में दर्द जैसी दिक्कत एक साथ हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

इन वजहों से फूल सकती है सांस

कई बार नियमित रूप से होने वाली सांस की समस्या की वजह सामान्य भी हो सकती है और यह किसी गंभीर समस्या से भी जुड़ा हो सकता है। हर समय अगर सांस फूलने की दिक्कत होती है तो इसके पीछे वायु प्रदूषण या हवा में एलर्जिक पदार्थ होना, चिंता, ज्यादा वजन होना, धूम्रपान, तापमान अधिक होना या भारी व्यायाम करने जैसे कारण हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसी समस्याएं हो सकती है जो कि दिल और फेफड़ों को प्रभावित करती हैं जिसमें एनीमिया, दिल के कार्यों में असामान्यता, अस्थमा, फेफड़ों में कैंसर, सीओपीडी, टीबी आदि शामिल हैं।

इस तरह डॉक्टर करते है बीमारी का निदान और इलाज

डॉक्टर निदान के लिए छाती का एक्स-रे या सीटी स्कैन, ईसीजी, पल्स ऑक्सिमेट्री, ब्लड टेस्ट आदि करवा सकते हैं। सांस फूलने के कारणों के आधार पर इलाज निश्चित किया जाता है। अगर मरीज तेजी से सांस नहीं ले पा रहा हो, तो ब्रीदिंग वेंटिलेशन दिया जाता है। खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने की स्थिति में ऑक्सीजन सप्लिमेंट्स दिए जाते हैं, जिसमें प्लास्टिक नेजल स्प्रे या प्लास्टिक मास्क का इस्तेमाल किया जाता है।

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ये उपाये साबित हो सकते है मददगार

अगर मेडिकल इमर्जेंसी नहीं है तो व्यक्ति कुछ अन्य तरीकों से आराम पाने की कोशिश कर सकता है, जिसमें सांस फूलने के उपचार में मदद करने वाले व्यायाम, लेटने या खड़े होने की आरामदायक स्थिति तलाशना, गहरी सांस लेना आदि शामिल है। इसके अलावा सांस लेने की एक पद्धति के बारे में भी पता किया जा सकता है, जिसकी मदद से सांस लेने की गति को धीमा करके सांस फूलने की समस्या का इलाज किया जाता है। भाप लेना भी एक अच्छा उपाय है, जिससे वायुमार्गों को खुला रखने में मदद मिलती है। ताजा अदरक का सेवन भी मददगार साबित हो सकता है। यदि श्वसन तंत्र में संक्रमण की वजह से सांस फूलने की समस्या है तो ऐसे में किसी गर्म पेय में अदरक मिलाकर पीने से फायदा हो सकता है।