वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार द्वारा की गई पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई करने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। शुक्रवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इसे चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष जल्द सुनवाई के लिए मेंशन किया जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त के पहले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट में पेगासस को लेकर की गई ये मांग
याचिका में कहा गया है कि पेगासस के जरिये पत्रकारों, वकीलों, सरकार के मंत्रियों, विपक्षी दलों के नेताओं और सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं की जासूसी कराई गई है। याचिका में कहा गया है कि दुनिया के कई नामी अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं ने इस बात का खुलासा किया है कि भारत के 142 से ज्यादा लोगों की पेगासस के जरिये जासूसी कराई गई।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश देकर पूछे कि क्या पेगासस ने भारत सरकार की अनुमति ली थी या उसने खुद इसका इस्तेमाल किया था। याचिका में कहा गया है कि एम्नेस्टी इंटरनेशनल के सिक्योरिटी लैब ने भी इसकी पुष्टि की है।
बता दें कि इसके पहले वकील मनोहर लाल शर्मा ने भी पेगासस के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं। उनकी याचिका में भी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई है।
यह भी पढ़ें: अपने फैसले पर जूही चावला ने लिया यूटर्न, वापस ली हाईकोर्ट में दायर याचिका
मनोहर लाल शर्मा की याचिका में मांग की गई है कि भारत में पेगासस की खरीद पर रोक लगाई जाए। बता दें कि पेगासस से जासूसी के मामले ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। इसे लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में राहुल गांधी समेत दूसरे विपक्षी नेताओं और पत्रकारों की जासूसी का आरोप है।