फूट पड़ा कश्मीरी पंडितों का दर्द, धार्मिक नरसंहार के खिलाफ बुलंद की आवाज

1990 से लेकर अभीतक कश्मीर में रहने वाले पंडितों को लगातार धार्मिक नरसंहार का सामना करना पड़ रहा है। यहां कभी मंदिरों को क्षति पहुंचाया जाता है, तो कभी अनुआ धार्मिक संपत्तियों को श्रीनगर के मोतियार इलाके में फिर एक ऐसी ही घटना घटी है, जिसे लेकर कश्मीरी पंडितों का दर्द फूट पड़ा है। उन्होंने उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

कश्मीरी पंडितों की समिति आरकेपीएसी ने किया दावा

दरअसल, रैनवारी कश्मीर पंडित एक्शन कमेटी (आरकेपीएसी) ने दावा किया है कि श्रीनगर के मोतियार इलाके में आर्य समाज की संपत्ति रहस्यमय परिस्थितियों में क्षतिग्रस्त हो गई है। आरकेपीएसी ने संपत्ति की तत्काल मरम्मत कराने की मांग की है।

समिति, जो मंदिरों, धार्मिक संपत्तियों और रैनवारी में पंडित समुदाय की सांस्कृतिक विरासत से संबंधित मुद्दों और चिंताओं की वकालत करती है, उसने 12-13 दिसंबर के बीच संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली कथित आग पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। समिति ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई है।

घटना पर आश्चर्य और निराशा व्यक्त करते हुए आरकेपीएसी अध्यक्ष बीएल जलाली ने कहा कि 1990 में कश्मीरी पंडितों की धार्मिक सफाई और नरसंहार के बाद कश्मीरी पंडितों के मंदिरों और संपत्ति को तोड़ने-फोड़ने की घटना, लैंड शार्क और निहित स्वार्थों से जारी एक सतत प्रक्रिया है। श्रीनगर शहर के रैनावारी इलाके में हम इन घटनाओं को नियमित रूप से देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले साल रैनावारी में कारापुरा खुश्की स्थित शिव मंदिर के साथ बर्बरता हुई थी और कश्मीरी पंडित धार्मिक विरासत के सभी संकेतों को मिटाने के लिए अवैध अतिक्रमण के बाद इसकी संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया था। हमने राज्यपाल के विजय कुमार को एक ज्ञापन सौंपा था। मगर प्रशासन की ओर से अभी तक मंदिर की संपत्ति को बहाल करने के लिए आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

जलाली ने कहा कि हम उपराज्यपाल से अपील करते हैं कि वे इस घटना में हस्तक्षेप करें और आर्य समाज बिल्डिंग कॉम्पलेक्स में हुए अतिक्रमण व आग की घटनाओं के बारे में एक उच्च स्तरीय जांच का आदेश दें। इसके साथ ही उन अपराधियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाए, जो समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक नरसंहार को जारी रखते हुए बर्बरता कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, किसानों को दिया करोड़ का तोहफा

समिति की ओर से बुलाई गई बैठक में जम्मू एवं कश्मीर में कई आरकेपीएसी और आर्य समाज के कार्यकतार्ओं ने भाग लिया। आर्य समाज, रैनवारी के सचिव रोशन लाल कौल ने कहा कि हम प्रशासन से आर्य समाज, रैनवारी में संपत्ति को बहाल करने और अतिक्रमण को हटाने से संबंधित इस मामले में न्याय करने की अपील करते हैं।