संकट के अंधेरे में घिरा सियासत का चिराग, राजनीतिक गलियारों में चमक उठा पारस

राजनीतिक गलियारे में इस तरह की खबर चल रही है कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पांच सांसद पार्टी बदल कर चिराग पासवान को अकेला छोड़ देंगे। ये सांसद चिराग के चाचा  पशुपति पारस,चचेरे भाई प्रिंस, वीणा देवी,  महबूब अली कैसर और चंदन सिंह हैं।  ऐसे में चिराग ने  पारस को ही कमान देकर पार्टी को बचाने का फैसला किया है।

चिराग के खिलाफ लोजपा के सांसदों ने खोला मोर्चा

पार्टी के शीर्ष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक आज दिल्ली में दोपहर 2:30 बजे पार्टी की बैठक होगी। उसमें  चिराग की जगह उनके चाचा पशुपति पारस को अध्यक्ष बनाये जाने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो पार्टी में मतभेद का कारण पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा का एनडीए से बाहर रहना ही है। सभी सांसदों ने समर्थन किया था कि वो राजग में ही रहकर चुनाव लडेंगे।

इन सांसदों का आरोप है  पार्टी में सब कुछ चिराग के निजी सहायक सौरव पाण्डेय करते हैं। आज पार्टी की जो दुर्दशा है उसमें सौरव पाण्डेय का ही हाथ है।  सूत्रों के मुताबिक, तीन दिन पहले पटना के नामचीन होटल में बैठक कर सभी पांचों सांसदों ने तय किया कि अब फैसला नेतृव बदलाव पर ही होगा।

इसी सिलसिले में पशुपति पारस की मुलाकात भाजपा के कई नेताओं के साथ-साथ बिहार सरकार में जदयू कोटे के एक मंत्री से भी हुई थी। उसके बाद राजनीतिक गलियारे में यह हलचल तेज हो गई थी की यह मुलाकात तो एक बहाना है, लोजपा के पांचो सांसद चिराग के चाचा के नेतृत्व में पार्टी से बागी हो जाएंगे।

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अब सूत्रों के मुताबिक, पांचों सांसद बागी नहीं होंगे लेकिन लोजपा का नेतृत्व बदल जाएगा। अब देखना होगा कि चिराग के चाचा के नेतृत्व में लोजपा क्या राजग की साथी बनेगी और बिहार में भी साथ चलेगी। लेकिन लोजपा में हलचल तेज जरूर हुई है। लोजपा के एक बड़े नेता की मानें तो सब कुछ पार्टी में ठीक है। सिर्फ सुप्रीमो बदलेगा। इसकी आधिकारिक घोषणा के बाद ही कुछ कहना ठीक होगा।