भारतीय सिनेमा के 100 साल से अधिक के इतिहास में कुछ फिल्में ऐसी हैं, जिनकी चमक कभी कम नहीं होती। पहले फिल्म का हिट या सुपरहिट होना, उसकी कहानी, एक्टिंग और गानों की पॉपुलैरिटी पर निर्भर था। वक्त बदला तो कमाई से तय होने लगा है कि कौन सी फिल्म हिट है और कौन सी फ्लॉप। लेकिन बॉलीवुड की कुछ फिल्में ऐसी हैं, जिन्होंने कमाई से लेकर पॉपुलैरिटी तक हर मोर्चे पर अपनी धाक जमाई। साल 1967 में रिलीज हुई ‘उपकार’ ऐसी ही फिल्म है, जो बीते 55 साल से हिंदुस्तान के दिल में बसती है। वो फिल्म जिसका गाना ‘मेरे देश की धरती…’ आज भी सबसे मशहूर देशभक्ति गीतों में शुमार है। वो फिल्म जिसका आइडिया मनोज कुमार को तब किसी फिल्ममेकर ने नहीं, बल्कि देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था। ये वो फिल्म थी, जिसने मनोज कुमार को ‘भारत कुमार’ बना दिया। आशा पारेख की जिंदगी बदल दी। और सबसे दिलचस्प कि इस फिल्म ने प्राण साहब को सिनेमा की दुनिया में नई जिंदगी दे दी। आज Filmy Friday में किस्सा साल 1967 की ब्लॉकस्टर फिल्म ‘उपकार’ की।
‘उपकार’ में मनोज कमार लीड रोल में थे। उनके किरदार का नाम ‘भारत’ था। इस फिल्म की कहानी भी Manoj Kumar ने ही लिखी थी और इसका डायरेक्शन भी उन्होंने ही किया था। ‘मेरे देश की धरती…’, ‘दीवानों से ये मत पूछो…’, ‘कसमें वादे प्यार वफा…’ जैसे सदाबहार गानों को कल्याणजी-आनंदजी ने संगीत से सजाया था। साल 1967 में 11 अगस्त को रिलीज हुई इस फिल्म का ताना-बाना 1965 में बुना गया। उस साल मनोज कुमार की फिल्म ‘शहीद’ रिलीज हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री दिल्ली में फिल्म की स्क्रीनिंग में पहुंचे थे। फिल्म देखने के बाद उन्होंने मनोज कुमार से कहा कि वो ‘जय जवान जय किसान’ के नारे पर कोई फिल्म क्यों नहीं बनाते। बताया जाता है कि इसके बाद जब मनोज कुमार ट्रेन से दिल्ली से मुंबई लौट रहे थे, तब रास्ते में ही उन्होंने Upkar Movie की कहानी लिख ली थी।
फिल्म ने बदल दी आशा पारेख की जिंदगी
इस फिल्म ने वैसे तो इससे जुड़े हर कलाकार और फनकार को करियर में खूब फायदा पहुंचाया। लेकिन आशा पारेख और प्राण साहब की इस फिल्म ने जिंदगी बदल दी। आशा पारेख हालांकि, तब भी सुपरस्टार थीं, लेकिन इस फिल्म से पहले तक उनकी इमेज बॉलीवुड की डांसिंग हिरोइन की थी। मनोज कुमार चाहते थे कि वह उनकी यह इमेज बदल दे। लिहाजा, फिल्म में उन्हें एक डॉक्टर का किरदार दिया। पूरी फिल्म में आशा पारेख को सिर्फ दो डांस मूव्स दिए गए। इतना ही नहीं, आशा पारेख अक्सर किसी भी फिल्म में इमोशनल सीन के दौरान अपने माथा पीटने या ललाट को सिकोड़ लेती थीं। इस फिल्म में मनोज कुमार ने उन्हें करने से भी रोका।
आशा पारेख और मनोज कुमार में हो गई थी बहस
‘उपकार’ की शूटिंग सुबह-सुबह शुरू हो जाती थी। बताया जाता है कि आशा पारेख ने सुबह जल्दी और अधिक से अधिक शॉट लिए जाने के बारे में शिकायत की थी। वह इससे परेशान हो गई थीं। इस कारण मनोज कुमार से उनकी बहस भी हुई। इसका असर यह हुआ कि आशा पारेख ने फिल्म में अपना काम तो पूरा किया, लेकिन रिलीज से पहले फिल्म के प्रीमियर में नहीं पहुंचीं। हालांकि, दो साल बाद दोनों के बीच फिर से पुराने जैसे दोस्ताना रिश्ते बने। मनोज और आशा इसके बाद ‘साजन’ फिल्म के सेट पर फिर से एक-दूसरे से बात करने लगे।
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लंगड़े ‘मलंग चाचा’ ने प्राण साहब के करियर को दिया नया मोड़
‘उपकार’ बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर प्राण के करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई थी। इस फिल्म में वह पहली बार एक ‘अच्छे आदमी’ के रोल में थे। पर्दे पर इससे पहले उन्होंने सिर्फ और सिर्फ विलेन की भूमिका निभाई थी। ऐसे में जब मनोज कुमार ने उन्हें लंगड़े ‘मलंग चाचा’ के रोल में कास्ट किया तो कुछ लोगों ने उनसे कहा भी कि वह गलत कर रहे हैं। लेकिन दिलचस्प है कि यह किरदार दर्शकों को सबसे ज्यादा पसंद आया। इस फिल्म में प्राण साहब को न सिर्फ एक पॉजिटिव रोल मिला, बल्कि एक भावुक कर देने वाला गाना भी उन पर फिल्माया गया। फिल्म में प्राण साहब का वह डायलॉग आज भी बहुत फेमस है, जहां वह मनोज कुमार के किरदार से कहते हैं, ‘राम हर युग में पैदा होते हैं, लेकिन लक्ष्मण एक ही में पैदा हुए थे।’