बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. स्थिति तो यह बन गई है कि आने वाले दिनों में शुरू होने वाली दुर्गा पूजा भी खतरे में नजर आ रही है. ताजा मामला खुलना जिले से प्राप्त हुई है. यहां इस्लामवादियों ने हिन्दू मंदिरों को धमकी दी है अगर वे 5 लाख टका का भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें दुर्गा पूजा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अभी बीते दिनों ही हिन्दू समूहों ने इस साल दुर्गा पूजा पर हमलों और उत्पीड़न की आशंका जताते हुए अंतरिम सरकार से कई मांगें की थी। इन मांगों के एक दिन बाद ही हिन्दू मंदिरों को इस तरह की धमकियां मिल रही हैं.
खुलना जिले के कई हिंदू मंदिरों को गुमनाम पत्र मिले हैं, जिनमें धमकी दी गई है कि अगर वे भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें दुर्गा पूजा मनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कई मंदिरों से जुड़ी पूजा उत्सव समितियों को दिए गए पत्रों में कहा गया है कि अगर वे भुगतान नहीं करते हैं, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
डाक से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अगर उन्होंने प्रशासन या मीडिया से इस बारे में बात की तो उनका सिर कलम कर दिया जाएगा। साथ ही कहा गया है कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो प्राप्तकर्ता का हश्र भी वैसा ही होगा जैसा हनीफ के प्रोजेक्ट का हुआ।
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद अवामी लीग के संयुक्त महासचिव महबूब उल आलम हनीफ के घर पर कई दिनों तक लूटपाट हुई थी।
मंदिरों को प्राप्त हुए इस धमकी भरे पत्र में शीर्ष पर बंगाली अक्षर लिखा है, “बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम”। उसके बाद इसे अध्यक्ष/महासचिव को संबोधित किया गया है, साथ ही मंदिर का नाम हाथ से लिखने के लिए रेखांकित रिक्त स्थान है, उसके बाद मुद्रित शब्द पूजा मंदिर हैं।
पत्र में लिखा था कि सुनो, अगर तुम 2024 में दुर्गा पूजा करना चाहते हो तो तुम्हें हर मंदिर से पांच लाख टका का चंदा देना होगा। नहीं तो तुम किसी भी तरह से पूजा नहीं कर पाओगे। जैसा हनीफ के प्रोजेक्ट में हुआ, वैसा ही तुम्हारा हश्र होगा। एक सप्ताह के अंदर सारा पैसा तैयार रखना। कालीनगर बाजार में जो जगह बताई जाएगी, वहां पैसे दे देना। बाद में जगह बता देंगे।
इस पत्र में आगे लिखा है कि अगर तुमने ये बातें प्रशासन, पत्रकारों या किसी और को बताई तो याद रखना कि तुम्हें तारो के तने की तरह काट दिया जाएगा। तुम्हारे परिवार को भी नहीं बख्शा जाएगा। चुपके से आस-पास के सभी मंदिरों को बता देना क्योंकि हम सभी मंदिरों के नाम नहीं जानते।
पत्र में आगे लिखा है कि प्रशासन और सेना के हमें बरगलाने से कोई फायदा नहीं होगा, पैसे तो देने ही पड़ेंगे। अल्लाह के नाम पर अगर हमें पैसे नहीं मिले तो हम तुम्हारे टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। हम तुम्हें देख रहे हैं।
यह पत्र दिनांक 7 सितम्बर 2024 का है।
बुधवार को विभिन्न हिंदू मंदिरों और पूजा समितियों के अध्यक्षों और महासचिवों को पत्र आने शुरू हो गए, जिससे मुस्लिम बहुल राष्ट्र में हिंदू समुदाय के बीच चिंता बढ़ गई है, जहां शेख हसीना सरकार के पतन के बाद कट्टरपंथी इस्लामवादियों का उदय हुआ है।
शुक्रवार को खुलना के चार अलग-अलग मंदिरों ने डाकोप पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और उसके अनुसार सामान्य डायरी प्रविष्टि की गई।
प्रभारी अधिकारी सिराजुल इस्लाम ने कहा कि उस फ़्लायर के बारे में बीते शुक्रवार को चार मंदिरों से जीडी बनाई गई थी। हम जांच कर रहे हैं। हमारी तरफ़ से मंदिर की सुरक्षा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हम सेना की टीम के साथ पुलिस स्टेशन से नियमित रूप से गश्त कर रहे हैं। गांव की पुलिस और यूनियन पुलिस के अधिकारी चौबीसों घंटे गश्त पर हैं।
एक मंदिर के महासचिव ने बताया कि पत्र मिलने के बाद वे इस मामले को लेकर काफी चिंतित हैं। बुधवार को पत्र मिलने के बाद उन्होंने इलाके के लोगों के साथ बैठक की।
बैठक में कई लोगों ने कहा कि इस साल पूजा का आयोजन न करना ही बेहतर होगा। लेकिन अंत में उन्होंने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना और उत्सव मनाने का निर्णय लिया। इसके बाद इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है।
हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार, कुछ मंदिर समितियों ने खतरे के कारण दुर्गा पूजा का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है, जबकि कुछ अन्य ने इसे सादगी से आयोजित करने का निर्णय लिया है।