भारत के बारे हमारे देश के महापुरुषों की स्पष्ट कल्पना थी। भारत की जड़ों से बहुत गहरे तक जुड़े हुए थे। आज भारत का जो स्वरूप हमारी आंखों के सामने है, वह भारत के महापुरुषों की मान्यताओं के अनुरूप नहीं कहा जा सकता। गांधीजी सत्य को जीवन का बहुत बड़ा …
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