राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा गुरुवार सुबह उज्जैन से घटिया, घोंसला की ओर रवाना हुई। बालीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर भी उनकी यात्रा में साथ हो गईं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस नेता हरीश रावत, विधायक रामलाल मालवीय, मुरली मोरवाल और हजारों की भीड़ कदमताल करती चली। उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग सड़क किनारे घंटों खड़े रहे। इस बीच वे सभी लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन करते चले। आगे आगे नेता, पीछे गाड़ियों का लंबा काफिला चला।
आमजन के साथ नेताओं में भी उनके साथ फोटो खिंचवाने की होड़ रही। राहुल गांधी ने अपने फेसबुक पेज पर इस दरमियान संदेश दिया कि लोकतंत्र की रक्षा का जो संकल्प हम ले कर निकले हैं, यह साथ चलता जनसैलाब उसकी जरूरत और सफलता, दोनों का साक्ष्य है। भारत जोड़ो यात्रा को मिल रहा हर वर्ग और पीढ़ी का समर्थन, इसे संविधान की रक्षा और देश की एकता की बुनियाद बना रहा है।
सुबह 6 बजे यात्रा उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कालेज से शुरू हुई, जो नजरपुर गांव में एचपी पेट्रोल पंप के पास 10 बजे विश्राम के लिए रुकी। इसके बाद घटिया बस स्टैंड से दोपहर में फिर शुरू होकर झालार गांव पहुंचकर यात्री विश्राम करेगी।
गृहमंत्री बोले- अब राष्ट्र के विरोधी भी राहुल गांधी की यात्रा का कर रहे समर्थन
भारत जोड़ो यात्रा में एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के शामिल होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि अब राष्ट्र के विरोधी भी राहुल गांधी की यात्रा का समर्थन कर रहे हैं। ये वहीं स्वरा भास्कर हैं, जिन्होंने ऋचा चड्ढा के सेना के खिलाफ दिए बयान को शक्ति दी, पाकिस्तान की तारीफ के कसीदे पढ़ती हैं। कन्हैया कुमार, स्वरा भास्कर जैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग का सपोर्ट करने वाले इस यात्रा में हैं। यात्रा भारत जोड़ो नहीं, भारत तोड़ो वालों को समर्थन करती दिख रही है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी राहुल गांधी के साथ है।
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राहुल गांधी से मिलना जितना आसान, उतना ही मुश्किल भी
भारत जोड़ो यात्रा में लेकर चल रहे राहुल गांधी आम लोगों से मिलते दिख रहे हैं। कभी वे किसी बच्चे के साथ होते हैं, कभी किसी विद्यार्थी, सफाईकर्मी, बुजुर्ग के साथ। दरअसल, यात्रा में जो दिख रहा है, वैसा सबकुछ इतना आसान नहीं है। राहुल गांधी अचानक किसी से नहीं मिलते और न ही रास्ते में खड़े किसी व्यक्ति को मिलने बुलाते हैं। यात्रा के दौरान कौन, कब मिलेगा, कैसे मिलेगा और कहां खड़ा होगा? ये सब पहले से तय होता है। मिलने वालों की पूरी जांच होती है। यह सब राहुल गांधी की मैनेजमेंट टीम तय करती है। राहुल से मिलने वाले व्यक्ति एक दिन पहले ही तय हो जाते हैं।