बंगाल हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज ने लिया बड़ा फैसला, बेंच ने उठाया कड़ा कदम

सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की एसआईटी जांच करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई मंगलवार को फिर टल गई। आज एक और जज ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। उसके बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका को दूसरी बेंच के समक्ष लिस्ट करने का आदेश दिया। इस मामले की सुनवाई आज ही हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने भी खुद को किया था अलग

इसके पहले अभी 18 जून को भी सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवार के अलावा कई लोगों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। पश्चिम बंगाल की एक 60 वर्षीय महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने चार मई की रात को उसके पोते के सामने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। याचिका में चुनाव बाद की हिंसा और बलात्कार की घटनाओं की एसआईटी से जाँच की मांग की गई है।

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सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि जिस तरह गोधरा कांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया था, उसी तरह पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की हिंसा और बलात्कार की घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाय। पश्चिम बंगाल में मतगणना के बाद दो बीजेपी कार्यकर्ताओं, अभिजीत सरकार और हरेन अधिकारी की हत्या की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।