अखिलेश यादव पर आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये आदेश

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले  सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल कोर्ट ने इस मामले पर आगे सुनवाई करने से मना कर दिया है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी वाई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सीबीआई ने प्राथमिक जांच के बाद 2013 में ही मामले को बंद कर दिया था। वहीं मुलायम सिंह यादव का भी निधन हो चुका है तो अब मामले पर सुनवाई की ज़रूरत नहीं है। कोर्ट सीबीआई को मामले से जुड़ी अंतिम रिपोर्ट की कॉपी देने के निर्देश वाली याचिका की यह मांग भी ठुकरा दी कि सीबीआई को मामले से जुड़ी अंतिम रिपोर्ट की कॉपी देने का निर्देश दिया जाए।

पहले भी उठी थी मामले को बंद करने की मांग, लेकिन…

इस मामले पर पिछली सुनवाई 5 दिसंबर 2022 को हुई थी, जिसमें यादव परिवार की ओर से पेश हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल दलीलें पेश की। कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत से मामले को बंद करने का अनुरोध किया था। सिब्बल ने कहा कि सीबीआई 2019 में ही हलफनामा दायर कर कह चुकी है। सीबीआई केस की जांच को बंद कर चुकी है। अब इस मामले में कुछ नहीं बचा। इस दौरान याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने सिब्बल के इस दलील का विरोध किया था।

वहीं उन्होंने सीबीआई पर कोर्ट में झूठी जानकारी पेश करने का आरोप लगाया। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कपिल सिब्बल की केस बंद करने की मांग को खारिज कर दिया। चंद्रचूड़ ने सुनवाई में कहा था कि मुलायम सिंह यादव दुनिया में नहीं रहे, लेकिन परिवार के दूसरे सदस्यों पर भी मामला दर्ज है। इसलिए हम सर्दियों की छुट्टी के बाद मामले पर सुनवाई करेंगे। सुनवाई की अगली तारीख 13 मार्च 2023 तय की गई।

जानें पूरा मामला

बता दें कि साल 2005 में पेशे से वकील और कांग्रेस नेता विश्वनाथ चर्तुर्वेदी ने यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, उनके दोनों बेटे अखिलेश और प्रतीक यादव सहित बड़ी बहू डिंपल यादव के ऊपर आय से करोड़ों रूपये की अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 1 मार्च 2007 को सीबीआई को इस आरोप की प्राथमिक जांच का आदेश दिया।

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शुरूआती फाइंडिंग क बाद अक्टूबर 2007 में सीबीआई ने अदालत को बताया कि उसे मुकदमा दर्ज करने लायक सबूत मिले हैं। इसके  बाद साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने मुलायम की बड़ी बहू डिंपल यादव को जांच के दायरे से बाहर कर दिया, जबकि मुलायम, अखिलेश और प्रतीक यादव के खिलाफ जांच चलती रही। मुलामय सिंह के निधन के बाद अब केवल अखिलेश और प्रतीक ही बचे हैं। अखिलेश सपा सुप्रीम बनकर मुलायम सिंह यादव के विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, तो वहीं उनके भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गई हैं।