गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने वाली याचिका को लेकर न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इससे कौन-सा मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि, क्या यह अदालत का काम है? कि गाय को राष्ट्रीय पशु कहा जाए या नहीं…इसका फैसला करे।
कोर्ट ने कहा कि, आप ऐसी याचिकाएं दायर ही क्यों करते हैं कि हमें उस पर जुर्माना लगाना पड़े? कौन-से मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ? चूंकि आप अदालत आए हैं तो क्या हम नकारात्मक नतीजे की परवाह किए बिना यह करें?’
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वापस ली गई याचिका
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने न्यायालय में कहा कि गौ सुरक्षा बहुत जरूरी है। पीठ ने वकील को आगाह किया कि वह जुर्माना लगाएगी, जिसके बाद उन्होंने याचिका वापस ले ली और मामले को खारिज कर दिया गया।
शीर्ष न्यायालय गैर-सरकारी संगठन गोवंश सेवा सदन और अन्य की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें केंद्र को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।