बजट प्रस्ताव के संशोधन में शामिल किए जाने हेतु वित्त मंत्री को भेजा सुझाव

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने केंद्रीय बजट के संशोधन प्रस्ताव में सम्मिलित करने हेतु वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी एवं प्रधानमंत्री को 25 बिंदुओं पर अपने सुझाव प्रेषित किए हैं।  उन्होंने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री के आधिकारिक ईमेल पर अपने सुझाव प्रेषित करते हुए सुझाए गए प्रस्ताव को बजट संशोधन प्रस्तावों में शामिल करने का अनुरोध किया है।

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जेएन तिवारी ने अवगत कराया है कि कोरोना संकट काल के दौरान साल में दो बार मिलने वाला कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जून 2021 तक सीज कर दिया गया था। अब देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। जनवरी 2021 तक जीएसटी में रिकॉर्ड 1.19 लाख करोड़ का संग्रह हो चुका है, ऐसे में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रिलीज करने का सुझाव दिया है।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में करोना संकट काल के दौरान माननीय सदस्यों द्वारा दिए गए योगदान का जिक्र किया लेकिन कोरोना संकटकाल में देश के कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री आपदा  कोष में स्वेच्छा से दान किया है। उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों के माध्यम से एक दिन का वेतन एवं व्यक्तिगत सहायता  की करोड़ों की धनराशि कोरोना फंड में जमा कराई  गई है लेकिन कर्मचारियों के योगदान का जिक्र बजट भाषण में नहीं आया है ।

बजट संशोधन  प्रस्तावों की चर्चा का जवाब देते समय में करोना संकटकाल में कर्मचारियों द्वारा किए गए योगदान का उल्लेख करने,मध्यमवर्गीय आय वर्ग वालों के लिए इनकम टैक्स  में राहत देने पर पुनर्विचार करने करते हुए  5 लाख तक की आय को इनकम टैक्स मुक्त करने ,मरीजों के इलाज का खर्चा घटाया जाने का सुझाव भी भेजा  है।

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अपने देश में  मरीजों के इलाज पर बजट का 4.5% खर्च होता है जो कि विश्व के देशों में इस मद में खर्च किए जाने वाली धनराशि से बहुत ही कम है। फिलीपीन ,चीन, इंडोनेशिया, ब्राजील में कुल बजट का 7- 9% स्वास्थ्य पर खर्च होता है।

अस्पतालों में भर्ती की दर भी तीन-चार प्रतिशत है जबकि मध्यम आय वर्ग वाले विश्व के अन्य देशों में 8 – 9% की भर्ती दर है। जीपीएफ ,ईपीएफ में जमा धनराशि पर राइडर लगा कर, कर लगा लिया गया है। जीपीएफ  में  जमा धनराशि एवं उस पर मिलने वाले संपूर्ण ब्याज को कर मुक्त करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संपूर्ण पेंशन कर मुक्त करने,  सीनियर सिटीजन की जमा पूंजी पर ब्याज दर बढ़ाए जाने ,आउट सोर्स, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने , सभी मजदूरों का स्वास्थ्य बीमा कराए जाने, कोरोना योद्धाओं को 50 लाख का नियमित बीमा कराये जाने, सभी देशवासियों को मुफ्त वैक्सीन लगवाए जाने, एनपीएस का दायरा बढ़ाया जाने,  एन पी एस में 50 लाख तक जमा धनराशि को कर मुक्त किये जाने, 80 सी के अंतर्गत जमा धनराशि का दायरा बढ़ाया कर  5 लाख तक किए जाने,एनपीएस में जमा राशि की  निकासी कर मुक्त किए जाने, राष्ट्रीय बचत योजनाओं में ब्याज दर बढ़ाए जाने, स्वास्थ्य सेवाओं में दवा खरीद के लिए केंद्रीय आयोग का गठन कर गुणवत्ता परक दवाएं अस्पतालों में आपूर्ति कराए जाने,स्थानीय स्तर पर केवल 40% दवाएं खरीद की अनुमति दिए जाने,निजी अस्पतालों में 25% गरीब मरीजों की निशुल्क इलाज की व्यवस्था किए जाने,शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए निजी स्कूलों पर फीस की मनमानी पर अंकुश लगाया  जाने,   25% गरीब बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था किए जाने, केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किए जाने, महंगाई भत्ता की तर्ज  पर ही  पूरे देश के कर्मचारियों  के वेतन में एकरूपता लाए जाने, एक  देश  एक पेंशन का  प्रावधान लागू किया जाने,  किसानों को खाद एवं बीज के लिए सब्सिडी दिए जाने फसल बीमा योजना पूरे देश में लागू कराए जाने का सुझाव प्रेषित करते हुए इन सुझावों को बजट संशोधन प्रस्ताव में शामिल करने का अनुरोध किया है।