भूपेंद्र पटेल के सीएम बनते ही मोदी के गढ़ में मचा तहलका, बीजेपी में सियासी तनातनी

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद सूबे के सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार में कोहराम मचता नजर आ रहा है। हालांकि इसकी वजह भूपेंद्र पटेल नहीं, बल्कि मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला है, जिसके खिलाफ कई विधायकों ने आवाज बुलंद की है। पहले नए कैबिनेट में शामिल किये गए मंत्रियों का शपथ ग्रहण दोपहर को होना था, लेकिन विधायकों की इस खिलाफत के बाद यह कार्यक्रम शाम तक के लिए टाल दी गई है।

मंत्रिमंडल विस्तार के फैसले पर भड़के बीजेपी के कई दिग्गज

मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद भूपेंद्र पटेल कैबिनेट में बदलाव करने की कवायद में जुट गए हैं। हालांकि उनका यह फैसला कई विधायकों को नागवार गुजरा है। बताया जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में कई पुराने चेहरों को हटाकर नए चेहरों को शामिल करने की कवायद शुरू हुई है। जिसकी वजह से बीजेपी सरकार में तनातनी का माहौल बन गया है।

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, मंत्रिमंडल विस्तार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए ईश्वर पटेल, ईश्वर परमार, बचु खाबड़, वासण आहीर और योगेश पटेल गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के आवास पर पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि ये वहीं विधायक हैं, जो मंत्री न बनाए जाने की वजह से नाराज हैं।

उम्मीद जताई जा रही है कि  भूपेंद्र पटेल सरकार की नई कैबिनेट में 21 से 22 मंत्रियों को बुधवार को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। मंत्रिमंडल में नए चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी और महिलाओं की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में कई पुराने और दिग्गज नेताओं की मंत्रिमंडल से छुट्टी भी होगी। ऐसे में कई दिग्गजों को अपने सियासी कद पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। इन दिग्गजों में बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन पटेल, भूपेंद्र सिंह चुडास्मा, आरसी फाल्दू और कौशिक पटेल प्रमुख हैं।

आपको बता दें कि रुपाणी सरकार में नितिन पटेल डिप्टी सीएम के साथ वित्त मंत्री का पदभार संभाल रहे थे। वहीं भूपेंद्र सिंह चुडास्मा शिक्षा मंत्री के पद पर आसीन थे। इसके अलावा आरसी फाल्दू कृषि मंत्री और कौशिक पटेल राजस्व मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। ये वह चेहरे हैं जो गुजरात बीजेपी में काफी अहमियत रखते हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार के इस फैसले के बाद इनकी कुर्सियां खतरे में पड़ गई है।

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भूपेंद्र पटेल के सीएम बनने से डिप्टी सीएम नितिन पटेल की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि भूपेंद्र पटेल और नितिन पटेल दोनों पाटीदार समुदाय से हैं। सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ही पद पर एक ही समाज को देने की संभावना कम है।