राम मंदिर को लेकर सपा सांसद ने दिया बेहद विवादित बयान, बीजेपी ने किया पलटवार

अयोध्या में हो रहा राम मंदिर निर्माण कार्य बीजेपी और सपा के बीच राजनीतिक जंग की वजह बन गया है। इस जंग की वजह सपा सांसद एसटी हसन का वह बयान है, जिसमें उन्होंने राम मंदिर बनाने के लिए चंदा लेने निकले लोगों पर कुछ बिके हुए मुसलमानों से पथराव कराने की बात कही है। हालांकि, उनके इस बयान पर उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री मोहसिन रजा ने तगड़ा पलटवार किया है।

सपा सांसद ने दिया विवादित बयान

दरअसल, समाजवादी पार्टी की ओर स्वामी विवेकानंद जयंती के मौके पर बुधवार को युवा घेरा कार्यक्रम का आयोजन किया था। सपा सांसद एसटी हसन के आवास पर भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान सपा सांसद ने बीजेपी पर राम मंदिर निर्माण के जरिए राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनने जा रहा है। राम मंदिर का मामला भी खत्म हो गया। भोले-भाले लोग धार्मिक भावनाओं में बहकर इनको वोट दे देंगे।

सपा सांसद ने कहा कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम के बीच सद्भाव को बिगाड़कर चुनावों में फायदा ले सकती है और इसमें कुछ बिके हुए मुसलमान उनका साथ देंगे। बीजेपी के लोग राम मंदिर के लिए चंदा लेने निकलेंगे और कुछ बिके हुए मुसलमान उनके ऊपर पथराव करेंगे।

सपा सांसद ने कहा कि पथराव के बाद जो होगा वो आप मध्य प्रदेश में देख चुके हैं। इसके जरिए हिंदुओं को ये मैसेज दिया जाएगा कि हम ये हालत कर सकते हैं। इससे बीजेपी को चुनावों में फायदा मिलेगा। एसटी हसन ने कहा कि बीजेपी की राजनीति को समझने की जरूरत है। आखिर इस तरह की राजनीति कब तक चलेगी। उन्‍होंने कहा कि हिंदू-मुसलमान करने से रोटी-रोजी नहीं चलती। भाजपा चुनावों से पहले ध्रुवीकरण की कोशिश कर सकती है।

मोहसिन रजा ने सपा सांसद पर किया पलटवार

सपा सांसद का यह बयान यूपी के अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रजा को रास नहीं आया है। उन्होंने एसटी हसन के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि हमेशा की तरह राममंदिर का विरोध करने वाली समाजवादी पार्टी और उनके सांसद ने जो बयान दिया है। वह सौहार्द बिगाड़ने वाला है। अब राममंदिर निर्माण हो रहा है तो चंदा लेने के लिये निकलेंगे तो उनपर पथराव होगा।

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उन्होंने कहा कि यह वही लोग है जिन्होंने मुलायम सिंह की सरकार में कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थी। आज पत्थर चलवाने की बात कर रहे हैं। सीधे तौर पर श्रद्धालुओं को धमकाने वाली बात है। प्रभु श्री राम पर आस्था रखने वालों को धमकाने की बात है। स्वेच्छा से श्री राम मंदिर कुछ कंट्रीब्यूशन देना चाहिए। अखिलेश यादव को अपना स्टैंड साफ करना चाहिये कि वह राम मंदिर निर्माण के साथ हैं या राम मंदिर निर्माण के विरोध में हैं। ऐसे समय यह बयान समाज और देश में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की बात है। यह प्रयास लग रहा है हमेशा की तरह जो राम मंदिर के मामले में दिखा है।