बिहार के दो स्टूडेंट्स के अकाउंट में आए 960 करोड़ रुपए से क्या है सोनू सूद का कनेक्शन?

बिहार में स्कूल जाने वाले दो विद्यार्थियों के बैंक खाते में अचानक 960 करोड़ रुपए जमा होने का मामला आने के बाद बीते दिनों काफी हंगामा मचा था। बिहार के कटिहार जिले के आजमनगर में पस्तिया गांव के दो विद्यार्थियों के बैंक खाते में अचानक 960 करोड़ जमा हो गए थे। गुरुचरण विश्वास और असित कुमार 15 सितंबर को अपने इंडसइंड बैंक के  खाते को चेक करने गए थे, तभी उन्हें इस बात का पता चला। उसी दौरान सैंकड़ों किलीमीटर दूर स्थित मुंबई में अभिनेता सोनू के घर पर आयकर विभाग ने छापा मारा था।

बिहार के कटिहार में रहने वाले दो छात्र इंडसइंड बैंक के जन सेवा केंद्र जाकर जब अपने खाते को चेक किया तो पाया कि उनके अकाउंट से पैसों की लेन-देन के लिए स्पाइस मनी कंपनी के पोर्टल का इस्तेमाल किया जा रहा था। अभिनेता सोनू सूद इस कंपनी के ब्रांड एंबेसेडर हैं। इस कंपनी में सोनू सूद की बड़ी भूमिका है। इसीलिए यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि मुंबई से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित कटिहार के बैंक खाते के लेन-देन से सोनू सूद का कोई संबंध तो नहीं है? इस पूरे मामले में जिलाधिकारी उदयन मिश्र ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

साइबर क्राइम से जुड़ा मामला होने का शक

दोनों छात्रों के खातों में अचानक हुए इस लेन-देन में साइबर क्राइम से जुड़ा मामला बनता है, ऐसी शंका बैंक मैनेजर एमके मधुकर ने जताई है। इस पूरे मामले में बैंक ने भी सफाई दी है। अब जांच में इंडसइंड बैंक से भी जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है। हालांकि फिलहाल इस मामले के सोनू सूद से जुड़े होने के कोई सबूत नहीं मिले है।

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रिच ग्रुप से भी है सोनू सूद कनेक्शन

इस बीच सोनू सूद का कानपूर के रिच समूह से कनेक्शन मिलने की बात सामने आई है। जहां कहा जा रहा है कि सोनू सूद पर फर्जी लोन लेकर पैसे निवेश करने का मामला सामने आया है। रिच ग्रुप के ठिकानों पर आयकर विभाग के अधिकारी लगातार छापा मार रहे हैं। ऐसे में सोनू सूद से जुडी आर्थिक जांच भी पूरी तरह से इस वक्त चल रही है। जहां इस छापे के दौरान आयकर विभाग को बोगस इनवाइस जारी करने और उन्हें बेचने के सुराग मिले हैं और कंपनी द्वारा अपने ही चतुर्थ श्रेणी कर्मी को निदेशक बनाए जाने का भी राजफाश हुआ है। प्राप्त जानकारियों के मुताबिक इस कंपनी में तीन भाई हैं जिनका नाम तत्वेश अग्रवाल, आशेष अग्रवाल और शाश्वत अग्रवाल है। छापे के दौरान इनकम टैक्स की टीम को पता चला है कि इससे 15 और कंपनियां भी जुडी हैं। जो पूरी तरह से फर्जी हैं।