सनातन धर्म की बेटे-बेटियों का विवाह सनातनियों से ही हो, कथावाचक देवकीनंदन ने की कानून बनाने की मांग

प्रख्यात कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने भारत सरकार और प्रदेश सरकार से मांग की है कि सरकार ऐसा कानून बनाए जिसके तहत सनातनी बच्चों का विवाह सनातनी परिवार में ही हो. इसके साथ ही उन्होंने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की भी मांग की. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हमारी मातृ शक्ति में बहुत ताकत है. हम चाहते हैं कि हमारी मातृ शक्ति सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे आए.

उन्नाव सदर से बीजेपी विधायक पंकज गुप्ता द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में शामिल होने पहुंचे देवकीनंदन ठाकुर ने हाल की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जो लोग सनातन धर्म छोड़कर यत्र-तत्र विवाह करते हैं, इनमें से कई बच्चियों के साथ ऐसा देखने को मिला कि उनका मर्डर कर दिया गया. उनके कई टुकड़े कर दिए गए. उनको जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करने पर विवश किया गया. इसी क्रम में देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातनी बच्चों की सुरक्षा के लिए एक ऐसा कानून बने की कोई भी सनातनी बच्चा सनातन धर्म के बाहर जाकर विवाह ना कर सके.

सम्मेलन में साधु प्राची ने कहा कि हमारी बेटियां बचनी चाहिए. वे बहरूपिए चमचमाती बाइकें लेकर कॉलेज और कोचिंग संस्थानों के आगे खड़े रहते हैं, वहां चक्कर लगाते हैं. हमारी बेटियों को तंग करते हैं. उन्होंने बेटियों से भी आह्वान करते हुए कहा कि इन बहरूपियों को मुंहतोड़ जवाब दें. उन्होंने सभी से अपनी संस्कृति की रक्षा करने पर जोर दिया.

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सम्मेलन में सत्यमिश्रानंदन महाराज ने कहा कि हमारी संस्कृति की देन है कि माताएं अपने बेटे-बेटियों पर सबकुछ न्योछावार कर सकती हैं. मां चाहें तो बच्चों को इंजीनियर बना दें, डॉक्टर बना दें, यह हमारे संस्कार और संस्कृति पर टिका होता है. उन्होंने कहा कि बेटियां बचेंगी तो देश बचेगा.