केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला में रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद पर घेरते हुए उसके साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करेगी और इसे देश का सबसे शांतिपूर्ण स्थान बनाएगी.
अमित शाह ने रैली में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए सवाल किया कि क्या आतंकवाद ने कभी किसी को फायदा पहुंचाया है और 1990 के बाद से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद ने 42,000 लोगों की जान ली है. उन्होंने जम्मू कश्मीर में कथित रूप से विकास नहीं होने के लिए अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), मुफ्ती (पीडीपी) और नेहरू-गांधी (कांग्रेस) परिवारों को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि 1947 में देश की आजादी के बाद से इन तीनों दलों ने ही ज्यादातर समय तत्कालीन राज्य में शासन किया था.
‘अमित शाह ने पूछा-‘हमें पाकिस्तान से बात क्यों करनी चाहिए?’
गृह मंत्री ने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि हमें पाकिस्तान से बात करनी चाहिए. हमें पाकिस्तान से बात क्यों करनी चाहिए? हम कोई बातचीत नहीं करेंगे. हम बारामूला के लोगों से बात करेंगे, हम कश्मीर के लोगों से बात करेंगे.’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करती है और वह इसका अंत और सफाया करना चाहती है.
शाह ने कहा, ‘हम जम्मू कश्मीर को देश की सबसे शांतिपूर्ण जगह बनाना चाहते हैं.’ गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग अक्सर पाकिस्तान के बारे में बात करते हैं लेकिन वह जानना चाहते हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कितने गांवों में बिजली कनेक्शन हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले तीन वर्षों में सुनिश्चित किया है कि कश्मीर के सभी गांवों में बिजली कनेक्शन हों.’
तीन राजनीतिक परिवारों का नाम लेकर उन पर बरसते हुए गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि उनका शासनकाल कुशासन व भ्रष्टाचार से भरा हुआ था और उन्होंने विकास नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया, ‘मुफ्ती एवं कंपनी, अब्दुल्ला एवं बेटों और कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया.’