बीएसएफ के दायरे को लेकर मोदी सरकार पर भड़के सिद्धू, लगाए गंभीर आरोप

केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार द्वारा बीएसएफ का दायरा बढाए जाने को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर नजर आ रही है। इसी क्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी यह मुद्दा उठाते हुए मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार पर राज्य के भीतर राज्य बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मोदी सरकार के इस कृत्य से देश का संघीय ढांचा कमजोर होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में लोग सुरक्षित और शांति से रहे, यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

सिद्धू ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर बोला हमला

बीएसएफ के दायरे को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार से सवाल पूछा कि  क्या सीमा की परिभाषा 50 किलोमीटर है? सार्वजनिक व्यवस्था राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है ताकि लोग चैन से रह सकें। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के बहाने केंद्र सरकार पंजाब के लोगों को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि पंजाब में झूठे मुकदमे होंगे और लोगों को बेमतलब गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के उदाहरण काफी हैं जिसमें लोगों को परेशान किया गया है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने इस संबंध में ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि सरकार संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है। एक राज्य के अंदर एक और राज्य बनाने की कोशिश की जा रही है। बीएसएफ का मतलब बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स। सीमा की परिभाषा क्या है? 50 किलोमीटर?’

इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पश्चिम बंगाल का उदाहरण दिया और कहा कि पश्चिम बंगाल में बीएसएफ रोजाना सुरक्षा के नाम पर देश के संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन करता है और संभावना है कि पंजाब में भी यातना, झूठे मुकदमे, मनमानी नजरबंदी और अवैध गिरफ्तारी की घटनाएं होंगी। उन्होंने कहा कि बंगाल में ऐसे कई मामले हैं जहां बीएसएफ ने गोलीबारी की घटनाओं के बाद स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया।

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उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने पिछले पांच वर्षों में बीएसएफ पर यातना के कुल 240 मामले, न्यायेतर निष्पादन के 60 मामले और जबरन गायब होने के आठ मामले दर्ज किए थे। इनमें से 33 मामलों में एनएचआरसी ने पीड़ितों या उनके परिजनों को मुआवजे की सिफारिश की थी।