प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया के राष्ट्रीय संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने उन कयासों पर पूर्ण विराम लगा दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि प्रसपा का समाजवादी पार्टी में विलय हो जाएगा। शिवपाल का कहना है कि प्रसपा का अब सपा में विलय नहीं होगा। बल्कि, प्रसपा का अस्तित्व बना रहेगा और विधानसभा चुनाव में सिर्फ गठबंधन ही होगा।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी तेजी से उभरने वाली पार्टी
शिवपाल यादव ने चौगुर्जी स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर कहा कि वर्तमान में भाजपा की नीतियों से आम आदमी की कमर टूट चुकी है। ऐसे में बदलाव की मांग होने लगी है। अब हम भी चुप बैठने के बजाय जनता के बीच उनकी समस्याओं को लेकर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भय, भूख और भ्रष्टाचार मिटाने के साथ ही हर साल एक करोड़ बेरोजगार युवाओं को नौकरियां देने का वादा कर देश व प्रदेश की सत्ता में लौटी भारतीय जनता पार्टी की नींव झूठ पर आधारित है। उन्होंने कहा कि प्रसपा का पूरा नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी है। यह भारत में तेजी से उभरता हुआ राजनीतिक दल है।
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आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी से अनबन होने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने 29 अगस्त 2018 को अलग पार्टी बनाने का फैसला किया था।
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