शिवसेना बोली- ‘लोग पूछेंगे, विपक्ष राष्ट्रपति पद का मजबूत उम्मीदवार नहीं दे सकता, तो समर्थ पीएम कैसे देगा’

शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि लोग पूछ सकते हैं कि अगर विपक्ष आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक मजबूत उम्मीदवार नहीं खड़ा कर सकता है तो वह एक सक्षम प्रधानमंत्री कैसे देगा। महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी ने कहा कि विपक्ष को अगले राष्ट्रपति के चुनाव को गंभीरता से लेने की जरूरत है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में पार्टी ने कहा कि महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी और नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला का नाम ‘‘अक्सर राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सामने आता है’’, लेकिन इनमें इस चुनाव को कड़े मुकाबले वाले चुनावी समर में तब्दील करने का ‘व्यक्तित्व या वजन’ नहीं है।

उसने कहा कि दूसरी तरफ, ऐसी संभावना नहीं है कि सरकार कोई ‘तेजस्वी’ उम्मीदवार लाएगी, पांच साल पहले दो-तीन लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चुना और इस साल भी वे ऐसा ही कर सकते हैं। राष्ट्रपति कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और उनके उत्तराधिकारी के लिए 18 जुलाई को चुनाव होना है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया बुधवार को शुरू हो जाएगी।

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कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) समेत 17 दलों ने 15 जून को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया था, जिसका आयोजन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विरुद्ध संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर सहमति कायम करने के लिए किया था।