शिवसेना-बीजेपी दोनों को याद आई अपनी पुरानी दोस्ती, सियासत में मचा तगड़ा हंगामा

बीते महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद की वजह से एक दूसरे से अलग हुए बीजेपी और शिवसेना एक बार फिर एक दूसरे के नजदीक आते नजर आ रहे हैं। दरअसल, शिवसेना और बीजेपी दोनों ने एक दूसरे का दोस्त होने का दावा किया है। बीजेपी के सियासी दुश्मन कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार चलाने वाली शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोनों दलों के बीच में खिंची लकीर को मिटाने वाला बयान जारी किया है।

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने दिया बड़ा बयान

दरअसल, संजय राउत ने बीजेपी और शिवसेना के बीच के संबंधों को लेकर मीडियाकर्मियों से कहा कि हम भारत-पाकिस्तान नहीं हैं। हां, हमारे राजनीतिक रास्ते अलग जरूर है लेकिन हम दोस्त हैं और हमारे बीचे दोस्ती बरकार रहेगी ठीक जैसे आमिर खान और किरण राव की तरह।

वहीं, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी पार्टी और पूर्व सहयोगी शिवसेना किसी प्रकार से एक दूसरे की दुश्मन नहीं है। हालांकि उनके बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद जरूर हैं। वहीं फडणवीस से मीडियाकर्मियों ने पूछा कि क्या दो पूर्व सहयोगिंयों को एक बार फिर से साथ देखा जा सकता है जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि स्थित को देखते हुए उचित निर्णय लिया जाएगा।

शिवसेना नेता संजय राउत का यह बयान बीजेपी के पूर्व मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार के बीच हुई मुलाकात के बाद बाद सामने आया है। उनके बयान नको लेकर कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि, इस मुलाक़ात के बाद संजय राउत ने बताया कि हम सामाजिक कार्यक्रम के दौरान मिले हैं। लेकिन फिर भी इस तरह के बयानों ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। इन बयानों के बाद तो कयासों के बाजार में इस बात की भी चर्चा की जा रही है कि शिवसेना एक बार फिर बीजेपी नीत एनडीए का हिस्सा बन सकती है।  

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शिवसेना प्रवक्ता का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ उद्धव ठाकरे सरकार में फूट पड़ती नजर आ रही है। आपको बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच हुई मुलाक़ात के बाद कांग्रेस के एक नेता ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि शरद पवार सिर्फ प्रासंगिक बने रहना चाहते हैं और विपक्ष की राजनीति को नियंत्रित करना चाहते हैं।