कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कल होने वाला है। इससे पहले रविवार को शशि थरूर ने कुछ ऐसा कहा, जिसे परिणाम के लिहाज से संकेत माना जा सकता है। शशि थरूर ने कहा कि अगर अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे की जीत होती है तो थरूर को उनके साथ काम करने में कोई परेशानी नहीं होगी। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने इस दौरान एक बार फिर कांग्रेस की कार्यपद्धति में बदलाव लाने की बात कही। थरूर ने कहा कि उनके और खड़गे के आदर्शों में अंतर नहीं है।
अभी तक कर रहे थे ऐसी टिप्पणियां
बता दें कि अभी तक शशि थरूर अध्यक्ष पद के अपने प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खड़गे पर कुछ अलग किस्म की टिप्पणियां करते रहे हैं। इन टिप्पणियों में कभी थरूर ने खड़गे को ज्यादा समर्थन मिलने की बात कही तो कभी उन्हें गांधी परिवार का फेवरेट तक बता दिया। लेकिन वोटिंग की पूर्व संध्या से ऐन पहले जिस तरह से शशि थरूर ने अपने सुर बदले हैं, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि संभवत: उन्हें भी हवा के रुख का अंदाजा होने लगा है।
दे चुके हैं कई बयान
थरूर ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे अनुभवी नेता हैं। अगर वह जीत जाते हैं तो उनके साथ स्वाभाविक रूप से ही सहयोग रहेगा। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव दो दशक बाद होने वाला है। इस चुनाव में शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे आमने-सामने हैं। बता दें कि अध्यक्ष पद के लिए नामांकन और उसके बाद से ही थरूर अलग-अलग बयानों में खड़गे पर टिप्पणी कर चुके हैं। पहले उन्होंने कहा था कि जब वह सोनिया गांधी से मिले थे तो कहा गया था कि पार्टी का कोई अधिकृत उम्मीदवार नहीं होगा। थरूर के बयान से अनुमान लगाया गया था कि वह खड़गे को अधिकृत उम्मीदवार बता रहे हैं।
उठाया था यह सवाल
वहीं एक अन्य बयान में थरूर ने कहा था कि उन्हें उस स्तर का समर्थन नहीं मिल रहा है, जैसा कि मल्लिकार्जुन खड़गे को मिल रहा है। थरूर ने कहा था कि पार्टी के बड़े नेता खड़गे की तरफ हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने ऐसे काम किए हैं, जिस पर मैंने कहा कि समान अवसर नहीं है। कई प्रदेश कांग्रेस कमेटी में हमने देखा कि पीसीसी अध्यक्ष, विधायक दल के नेता और कई बड़े नेता खड़गे साहब का स्वागत करते हैं, उनके साथ बैठते हैं। इतना ही नहीं, पीसीसी से डेलीगेट को निर्देश जाते हैं कि आ जाओ, खड़गे साहब आ रहे हैं। थरूर ने आगे कहा कि ऐसा केवल एक उम्मीदवार के लिए हुआ, मेरे साथ नहीं हुआ।