गुपचुप तरीके से शैलजा ने गहलोत से की सियासी मंत्रणा, कांग्रेस नेताओं को नहीं हुई कानोंकान खबर

हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और सोनिया गांधी की करीबी मानी जाने वाली कुमारी शैलजा ने अचानक रविवार रात को जयपुर पहुंच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि कुमारी शैलजा मुख्यमंत्री गहलोत के लिए सोनिया गांधी का कोई संदेश लेकर आई हैं, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए मंत्रिमंडल के संभावित फेरबदल और विस्तार से सीधा जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री से बातचीत करने के बाद कुमारी शैलजा सोमवार सवेरे पहली फ्लाइट से दिल्ली लौट गई।

कुमारी शैलजा ने मुलाकात कर वापस लौंटी दिल्ली

पंजाब में कैप्टन अमरिन्द्र सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सियासी बवाल थमने के बाद कांग्रेस ने पूरा फोकस राजस्थान पर कर दिया है। पहले संगठन महामंत्री वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन का जयपुर आकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करना, फिर राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन का 3 दिन जयपुर रहकर राजस्थान कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित विधायकों से रायशुमारी करना, इसके बाद कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक करने ताम्रध्वज साहू का जयपुर आना इसी बात की ओर इशारा कर रहा है।

कुमारी शैलजा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बीती रात को लंबी मंत्रणा हुई है। कुमारी शैलजा के जयपुर आने को राजस्थान की कांग्रेस की राजनीति से इसलिए जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि कुमारी शैलजा राजस्थान के लिए विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के समय एआईसीसी की ओर से बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी की चेयरमैन थी।

कुमारी शैलजा का जयपुर दौरा सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि कुमारी शैलजा के जयपुर प्रवास को इतना गुप्त रखा गया कि राजस्थान के उनके करीबी नेताओं को भी इसकी भनक नहीं लगी। यहां तक कि एयरपोर्ट से होटल और मुख्यमंत्री आवास तक ले जाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाली कार भी दिल्ली से लाई गई थी। रविवार रात मुलाकात के बाद सोमवार सुबह पहली फ्लाइट से ही कुमारी शैलजा दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।

राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के तीन दिन के फीडबैक के बाद दिल्ली से लेकर जयपुर तक सियासी हलचल बढ़ी हुई हैं। बदलाव का खाका तैयार है, जिसे लागू करने के लिए तैयार फार्मूले पर हाईकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत करवा दिया है। कुमारी शैलजा की सीएम से लंबी मुलाकात को राजस्थान में होने वाले फेरबदल से ही जोड़कर देखा जा रहा है। कल दिल्ली में प्रभारी अजय माकन ने राजस्थान के मसले पर राहुल गांधी से चर्चा की। इसके बाद देर शाम कुमारी शैलजा जयपुर पहुंचकर गहलोत से मिलीं।

बताया जा रहा है कि शैलजा हाईकमान के कहने पर ही गहलोत से मिली हैं। राजस्थान में होने वाले संभावित बदलावों को लेकर गहलोत कुछ मामलों में असहमत हैं। शैलजा को उसी मिशन पर भेजने की बात सामने आ रही है। शैलजा सोनिया गांधी की विश्वासपात्र हैं। इस मुलाकात को लेकर कोई बयान नहीं आया है। ऐसे में सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।

राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों में खींचतान मिटाने के लिए कांग्रेस हाईकमान मंत्रिमंडल फेरबदल से लेकर संगठनात्मक बदलाव की तैयारी में है। गहलोत फेरबदल की जगह विस्तार का सुझाव दे रहे हैं, लेकिन इस बार हाईकमान के पास मंत्रियों की शिकायतों और उनसे होने वाले राजनीतिक नुकसान की पुख्ता रिपोर्ट है। कई मंत्रियों को हटाने की चर्चाएं हैं। गहलोत विधायकों की नाराजगी का तर्क देकर फेरबदल की जगह विस्तार की बात कह रहे हैं।

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कुमारी शैलजा को अशोक गहलोत समर्थक माना जाता है। पिछले विधानसभा चुनावों में टिकट तय करने के लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष थीं। इससे पहले वे राजस्थान प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी हैं। शैलजा ने अपनी तरफ से जयपुर दौरे को गोपनीय रखने का प्रयास किया था।

प्रभारी अजय माकन के तीन दिन तक विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से फीडबैक लेने के बाद अब कांग्रेस में फैसलों से पहले की हलचल शुरू हो गई है। कुमारी शैलजा की गहलोत से लंबी मंत्रणा को भी इसी का एक हिस्सा माना जा रहा है। दिल्ली में भी बैठकों का दौर जारी है। कांग्रेस हाईकमान राजस्थान को लेकर अब फैसले करने की तैयारी में हैं, लेकिन उससे पहले हर स्तर पर सहमति बनाने के प्रयास के नाम पर बैठकें भी जारी हैं।