राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष: संजय श्रीहर्ष ने मातृशक्ति से भारतीय संस्कृति बचाने का आह्वान किया
बाराबंकी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर नगर पालिका परिषद के हॉल में नववर्ष चेतना समिति द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर संघ प्रचारक एवं अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री, भारतीय इतिहास संकलन योजना, संजय श्रीहर्ष मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना के सौ वर्ष पूरे होना खुशी की नहीं, बल्कि आत्ममंथन का विषय है क्योंकि जिन उद्देश्यों के लिए संघ का गठन किया गया था, वे अभी तक पूरी तरह से साकार नहीं हो सके हैं।
संजय श्रीहर्ष ने कहा कि संघ की स्थापना का उद्देश्य राष्ट्रवाद और समाज सुधार को बढ़ावा देना था, लेकिन आज भी समाज कई भेदभावों और चुनौतियों से घिरा हुआ है। उन्होंने भेदभाव विहीन समाज निर्माण, लिंग समानता, गरीबी उन्मूलन और शिक्षा के प्रसार को संघ के प्रमुख उद्देश्यों में गिनाया।
उन्होंने यह भी कहा कि 1983 में लखनऊ में आयोजित संघ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में सरसंघचालक बाला साहेब देवरस ने 40 वर्षों के लिए जो लक्ष्य तय किए थे, उनके पूरे होने का आकलन अब आवश्यक है।
संजय श्रीहर्ष ने भारतीय संस्कृति पर हो रहे हमलों पर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाएं ही इसे बचा सकती हैं। उन्होंने कहा कि आज सिंदूर, पारंपरिक पहनावे और भारतीय रीति-रिवाजों का मजाक बनाया जा रहा है, जिसे रोकने के लिए महिलाओं को दृढ़ता से खड़ा होना होगा। उन्होंने कहा कि महिलाएं इतिहास की संरक्षक होती हैं—चाहे वह पारंपरिक लोकगीत हों या दीवारों पर बनाए जाने वाले सांस्कृतिक चित्र।
उन्होंने माता-पिता से अनुरोध किया कि वे बच्चों को मोबाइल की लत से बचाएं। उन्होंने कहा कि मोबाइल बच्चों के संस्कारों और शिक्षा को नष्ट कर रहा है, इसलिए माताओं को बच्चों के चरित्र निर्माण पर ध्यान देना होगा।
संघ की अनवरत शाखाएं और समाज सेवा
संजय श्रीहर्ष ने कहा कि संघ भी नहीं चाहता कि उसकी शाखाएं लगातार 100 वर्षों तक चलती रहें। लेकिन जब तक समाज में सुधार नहीं होता, तब तक संघ को यह कार्य करना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संघ का कार्य समाज को एकजुट करना और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है।
कार्यक्रम में डॉ. विनय कुमार जैन, डॉ. सुनील अग्रवाल, डॉ. गिरीश गुप्ता सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। नववर्ष चेतना समिति ने आगामी 29-30 मार्च को लखनऊ में भारतीय नववर्ष उत्सव मनाने की घोषणा की। समिति के प्रयासों से सम्राट विक्रमादित्य पर डाक टिकट जारी किया गया था, और लखनऊ में सरदार पटेल डेंटल कॉलेज के सामने एक पार्क का आवंटन भी हुआ। समिति ने बाराबंकी में विक्रमादित्य के नाम पर पार्क और चौराहा विकसित करने की मांग भी की।
कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी चेतनानंद ने विक्रम संवत की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए समाज को एकजुट रहने की अपील की। इस अवसर पर महिला दिवस के उपलक्ष्य में 15 महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अजय सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन राम स्वरूप यादव ने किया। अंत में वंदे मातरम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।