सैम पित्रोदा ने राम मंदिर, श्रीराम और हनुमान पर उठाये सवाल, भड़क गया संत समाज….लेकिन ‘तपस्वी’ राहुल गांधी चुपचाप सुनते रहे

कांग्रेस के पास मणिशंकर अय्यर और सैम पित्रोदा जैसे कुछ नेता हैं जोकि अपने बयानों के चलते पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते रहे हैं। कई बार ऐसे वाकये सामने आये हैं जब इन दोनों नेताओं की बयानबाजी महत्वपूर्ण मौकों पर कांग्रेस को भारी पड़ी है। सैम पित्रोदा ने अब जो बयान दिया है उस पर हंगामा इसलिए हो रहा है क्योंकि उन्होंने भगवान श्रीराम, श्रीहनुमान और राम मंदिर का मजाक उड़ाया है। सैम पित्रोदा ने जो कुछ कहा है उससे हर सनातनी की भावना को तो ठेस पहुँची ही है साथ ही यह सवाल भी उठा है कि कुछ समय पहले भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे राहुल गांधी खुद को तपस्वी बताते फिर रहे थे ऐसे में वह चुपचाप कैसे सैम पित्रोदा की विवादित बातों को सुनते रहे? अभी कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान भी कांग्रेस नेता जय बजरंग बली के नारे लगा रहे थे लेकिन जब सैम पित्रोदा बजरंग बली का मजाक उड़ा रहे थे तब राहुल गांधी चुपचाप थे। हम आपको बता दें कि सैम पित्रोदा ने कहा है कि मोदी सरकार विकास एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों को नजरंदाज करते हुए केवल धार्मिक मामलों को उठा रही है। उन्होंने कहा कि ‘हमें बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं लेकिन हर कोई राम मंदिर और हनुमान के बारे में बात करता है। सैम पित्रोदा यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि मंदिर युवाओं को नौकरी देने देंगे।

सैम पित्रोदा के इस बयान पर जहां संत समाज भड़क गया है वहीं सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। यही नहीं, भाजपा ने भी कहा है कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश कई विकसित देशों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और भारत में महंगाई भी अन्य देशों की अपेक्षा कम है फिर भी कांग्रेस के नेता आर्थिक मुद्दों के बहाने हिंदुओं का अपमान कर रहे हैं। जहां तक इस मुद्दे पर संत समाज की नाराजगी की बात है तो आपको बता दें कि अयोध्या के संतों ने विवादित बयान देने वाले कांग्रेस नेताओं को राष्ट्र और धर्म का विरोधी करार दिया है।

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हम आपको यह भी बता दें कि सैम पित्रोदा आजकल राहुल गांधी को अमेरिकी शहरों में घुमा रहे हैं और उनसे भारत के लोकतंत्र, भारत की सरकार, भारत के संवैधानिक संस्थानों, भारतीय मीडिया आदि के बारे में तमाम तरह के बयान दिलवा रहे हैं। सैम पित्रोदा की ओर से जुटाई गयी ऑडियंस के बीच सैम पित्रोदा की लिखी गयी पटकथा पढ़ रहे राहुल गांधी सोच रहे हैं कि न्यूयार्क या वाशिंगटन से वह भारत की सरकार पर जो हमले बोल रहे हैं उससे देश की छवि प्रभावित हो जायेगी। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है बल्कि जिस देश में खड़े होकर राहुल गांधी भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठा रहे हैं उसी देश यानि अमेरिका का बयान आया है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और वहां जाने वाला कोई भी व्यक्ति इसे खुद महसूस कर सकता है। भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंताओं को प्रत्यक्ष तौर पर खारिज करते हुए व्हाइट हाउस ने यह बात कही है।