बांग्लादेश ने रोहिंग्या प्रवासियों को देश पर एक “बड़ा बोझ” बताया है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि इस मुद्दे पर हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लगातार बात कर रहे हैं ताकि रोहिंग्या प्रवासियों की वतन वापसी सुनिश्चित हो सके. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत इस मुद्दे को हल करने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने स्वीकार किया कि बांग्लादेश में लाखों रोहिंग्याओं की मौजूदगी ने उनके शासन के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी थीं.
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि, रोहिंग्या प्रवासियों की मौजूदगी हमारे लिए एक बड़ा बोझ है. चूंकि भारत एक बड़ा देश है इसलिए वहां उन्हें समायोजित किया जा सकता है. लेकिन हमारे देश में 11 लाख रोहिंग्या हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अपने पड़ोसी देशों के साथ भी विचार-विमर्श कर रहे हैं, उन्हें भी कुछ कदम उठाने चाहिए ताकि वे घर वापस जा सकें.
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पीएम शेख हसीना ने कहा कि, इसलिए हम उन्हें स्वदेश भेजने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. हम उनके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय, जैसे आसियान या यूएनओ और अन्य देशों के साथ चर्चा कर रहे हैं. बांग्लादेश की प्रधान मंत्री ने कहा कि उनके देश ने रोहिंग्याओं को शरण देने की पेशकश की थी जब वे कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे थे. लेकिन अब उन्हें अपने देश वापस जाना चाहिए. मुझे लगता है कि भारत एक पड़ोसी देश के रूप में इसमें एक बड़ी भूमिका निभा सकता है.