आरजेडी का इकलौता विधायक और तीन अन्य MLA रांची लौटे, दुमका में लड़की की मौत ने बढ़ाई सोरेन की टेंशन

एक तरफ झारखंड में सरकार अपनी अस्थिरता को लेकर परेशान है, तो वहीं सीएम हेमंत सोरेन अपने सहयोगी दलों के विधायकों को रांची से रायपुर शिफ्ट कर दिए हैं। दूसरी तरफ सरकारी व्यवस्था की नाकामी के चलते दुमका में जलाई गई नाबालिग लड़की की मौत होने पर सियासी हंगामा तेज हो गया है। लड़की की मौत से सीएम सोरेन की चिंता और बढ़ गई है। गुरुवार की शाम को रांची में सीएम ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से आरजेडी के इकलौते विधायक सत्यानंद भोक्ता और तीन अन्य एमएलए रांची लौट आए हैं।

सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के रायपुर पहुंचे 32 विधायकों में से चार मंत्री बुधवार शाम रांची लौट आए हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि झारखंड में सत्ताधारी संप्रग के विधायक प्रदीप यादव तथा मंत्री और राजद के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता बुधवार शाम को एक विशेष विमान से रायपुर पहुंचे। बाद में चार मंत्री आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता, रामेश्वर उरांव और बादल पत्रलेख इस विमान से झारखंड लौट गए। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि इस विमान में अपने चार सहयोगियों के साथ भोक्ता भी थे।

भाजपा ने सरकार पर लगाया गंभीर आरोप

उधर, विरोधी दल भाजपा का आरोप है कि जब लड़की जिंदगी और मौत से जूझ रही थी, तब उसको बेहतर चिकित्सा के लिए हवाई जहाज से बाहर भेजने की व्यवस्था करने के बजाए सीएम अपनी सरकार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष विमान से सहयोगी दलो के विधायकों को रायपुर की उड़ान भरवा रहे थे। इससे भी दुखद यह है कि लड़की की मौत पर सीएम या उनका कोई मंत्री लड़की के घर नहीं पहुंचा, उसके बजाए वे सहयोगी विधायकों को रायपुर भेजकर उनकी सेवा सत्कार में व्यस्त रहे।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायकों के साथ रायपुर नहीं आए, लेकिन झामुमो और कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता उनके साथ हैं। झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच मंगलवार को अपने 32 विधायकों को रायपुर भेज दिया था। विधायकों को नवा रायपुर के एक आलीशान रिजॉर्ट में ठहराया गया है।

भाजपा का आरोप है कि राज्य की पुलिस की कार्यप्रणाली से आम जनता काफी दुखी है। पीड़िता के घरवालों के मुताबिक लड़की की उम्र अभी 16 साल भी नहीं हुई, जबकि पुलिस ने अपने रिकॉर्ड में उसे 19 वर्ष बताई।

पोक्सो के तहत होगी सुनवाई

झारखंड के दुमका में जलाई गई लड़की की उम्र 19 वर्ष से कम होने की जानकारी के बाद अब मामले में पोक्सो के तहत केस दर्ज हो गया है। इस मामले की सुनवाई यहां की एक विशेष अदालत में की जाएगी। लड़की को उसका पीछा करने और उसे परेशान करने वाले दो लड़कों ने जिंदा जला दिया था। आरोपी शाहरुख पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 की संबंधित धाराओं के तहत भी आरोप लगाए जाएंगे।

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लड़की को 23 अगस्त की रात को शाहरुख और नईम नाम के दो युवकों ने जला दिया था। करीब 90 फीसदी जलने के साथ उसे रांची के रिम्स में शिफ्ट करने से पहले दुमका मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। 28 अगस्त को उसकी वहां मौत हो गई। घटना पर हाईकोर्ट ने भी गहरी नाराजगी जताई। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि उसे बेहतर इलाज के लिए उच्च स्तर के अस्पताल में पहुंचाया जाना चाहिए था। कोर्ट ने इस मामले की जांच अदालत की निगरानी में एक विशेष जांच दल द्वारा कराए जाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य में अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं रह गया है।