उत्तर प्रदेश में बसपा सांसद अतुल राय को शनिवार को बड़ी राहत मिली, जहां वाराणसी की MP-MLA कोर्ट ने उनको रेप केस में बरी कर दिया। वो काफी वक्त से जेल में बंद थे। केस जीतने के बाद सांसद के वकील अनुज यादव ने कहा कि कोर्ट ने इस मामले में पीड़ित के बयान को विश्वसनीय नहीं माना। इसके अलावा घटना को भी साबित नहीं किया जा सका। ऐसे में सबूतों के अभाव को देखते हुए सांसद को बरी कर दिया गया। हालांकि पीड़ित पक्ष के वकील ऊपरी अदालत जाने की बात कह रहे हैं।
ये मामला 7 मार्च 2018 का है। उस वक्त एक युवती ने सांसद पर रेप का आरोप लगाया था। युवती के मुताबिक वाराणसी के मंडुआडीह थाना क्षेत्र में गुरुग्राम सोसायटी में अतुल राय का दफ्तर है। वहां पर उसके साथ रेप किया गया। इसके बाद उसका वीडियो भी बनाया गया। पीड़ित के मुताबिक अतुल राय उसको बार-बार वीडियो वायरल करने की धमकी देते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इस मामले ने तूल पकड़ा और 1 मई 2019 को लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। उनके ऊपर यौन शोषण और ब्लैकमेलिंक का आरोप लगा था।
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घर बलिया, लेकिन पढ़ाई वाराणसी में पीड़ित मूल रूप से बलिया की रहने वाली है, लेकिन उसने वाराणसी में पढ़ाई की। पीड़ित के मुताबिक पढ़ाई के दौरान ही अतुल राय से उनकी मुलाकात हुई थी। इसके बाद मार्च 2018 में वो पत्नी से मिलवाने के बहाने उसे चितईपुर स्थित फ्लैट में ले गए, लेकिन वहां पर कोई नहीं था। पीड़ित के मुताबिक उसने विरोध किया, लेकिन राय ने उसका वहीं पर रेप किया और उसे जान से मारने की धमकी दी। बाद में मामला कोर्ट में पहुंचा और 22 जून 2019 को उन्होंने वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। तब से वो जेल में हैं, लेकिन सबूतों के अभाव में अब वो बरी हो गए।