उत्तर प्रदेश का कृषि के क्षेत्र में देश में महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश सरकार की कृषि एवं कृषक हितैषी नीतियों एवं योजनाओं का यह सुपरिणाम है कि गन्ना, चीनी एवं एथेनॉल के उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में लगातार चौथी बार प्रथम स्थान पर है। खाद्यान्न, गेहूँ, आलू, हरी मटर, आम, आँवला तथा दुग्ध उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। सही समय पर बुआई, निराई, खाद देना, सिंचाई आदि इसके महत्वपूर्ण आगत है। इनमें भी सिंचाई का महत्व सर्वोपरि है।
हमारे देश में कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है। इस वर्ष मानसून की वर्षा अच्छी होती है। उस वर्ष खेती भी अच्छी होती है। उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा कृषि एवं कृषकों की सिंचाई की इसी समस्या के समाधान हेतु विगत साढ़े चार वर्षों में अनेक कार्य किये गए हैं। इसके परिणामस्वरूप जहां एक ओर प्रदेश के सिंचित क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है।
उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की वर्षों से लम्बित परियोजनाएं पूर्ण करायी गयी हैं। इनमें 46 वर्षों से लंबित बाण सागर परियोजना को पूर्ण कराकर 15 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया।
इसी के साथ ही पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल से ही लम्बित पहाड़ी बांध, बण्डई बांध, जमरार बांध, मौदहा बांध, पहुॅज बांध, लहचुरा बांध, गुण्टा बांध, रसिन बांध परियोजनाएं एवं जाखलौन पम्प नहर प्रणाली तथा सोलर पावर प्लांट की पुनर्स्थापना की लगभग 13 परियोजनाएं वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में पूर्ण की गयी हैं।
प्रदेश का बुन्देलखण्ड क्षेत्रसिंचाई एवं कृषि में बाकी प्रदेश से अपेक्षाकृत पिछड़ा रहा है। परन्तु प्रदेश की वर्तमान सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में बुन्देलखण्ड के विकास का खाका खींचा है एवं उसे रफ्तार देने के लिए विभिन्न परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। बुंदेलखण्ड में कृषि एवं कृषकों की समृद्धि सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा बुंदेलखण्ड क्षेत्र में 19428 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में प्रदेश की सिंचाई क्षमता में वृद्धि से सम्बन्धित 12 परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के अन्तर्गत अब तक 12.61 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हुई है। सरयू नहर परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश के 09 जनपदों- बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर व महराजगंज में सिंचाई सुविधाओं के सृजन हेतु 1982 में स्वीकृत हुई थी।
प्रदेश के कई हिस्सों में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ से फसलों व कृषि को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 523 तटबन्धों को सुरक्षित करके बाढ़ से बचाव हेतु ड्रेजिंग कार्य पूर्ण कराए गए है। विगत साढ़े चार वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ से बचाव, सुरक्षा हेतु 688 परियोजनाएं पूर्ण की गयी हैं। वर्ष 2021-22 में 230 परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 139 बाढ़ सुरक्षा की परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। इस परियोजना के पूर्ण होने पर प्रदेश के 16 जनपदों में 1.62 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित होगी तथा इससे 7.10 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।