मानहानि मामले में फैसले से पहले राहुल गांधी का ट्वीट, लिखा-‘एयरपोर्ट सेठ के, पोर्ट सेठ के, सेठ किसका?…’

गुजरात में सूरत की एक सत्र अदालत ‘मोदी सरनेम’ वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर आज अपना आदेश सुना सकती है. दोषी ठहराये जाने और सजा सुनाये जाने के फैसले पर रोक लगने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो सकती है. कोर्ट के फैसले से पहले राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की. वीडियो में अडानी और मोदी की तस्वीर के साथ कई सवाल उठाए गए हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. पी. मोगेरा की अदालत ने गत बृहस्पतिवार को राहुल गांधी के आवेदन पर फैसला 20 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया था. राहुल को आपराधिक मानहानि के इस मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के एक निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राहुल की अपील लंबित रहने के बीच फैसला सुरक्षित रखा गया. राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से सांसद बने थे. गत 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया.

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राहुल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया. उनके वकीलों ने दो आवेदन भी दाखिल किये जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था. अदालत ने राहुल को जमानत देते हुए शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये थे. उसने पिछले बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों को सुना और फैसला 20 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था.