राहुल गांधी बोले- भारत में दो विचारधाराओं के बीच चल रही लड़ाई , RSS की विभाजनकारी अहंकार, अवैज्ञानिक आक्रामकता की सोच

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वाशिंगटन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सदस्यों से शुक्रवार को कहा कि भारत में इस समय दो विभिन्न विचारधाराओं के बीच लड़ाई चल रही है और उन्होंने भरोसा जताया कि देश को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी की सोच का विकल्प मुहैया कराने वाले नजरिए के लिए सभी विपक्षी दल हाथ मिलाएंगे. राहुल ने कहा, यह हमारे देश को लेकर दो विचारधाराओं की लड़ाई है. एक हमारे देश के शांतिपूर्ण, अहिंसक, सत्यवादी और विनम्र क्षेत्र होने संबंधी महात्मा गांधी का दृष्टिकोण है. दूसरी तरफ, आरएसएस की विभाजनकारी अहंकार, अवैज्ञानिक आक्रामकता की सोच है. यह (इन) दोनों (विचारधाराओं) के बीच लड़ाई है.

राहुल गांधी ने कहा कि वह जब गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करते हैं, तो वह हमेशा इस बात पर जोर देते हैं कि हमारा मिलकर साथ लड़ना जरूरी है. आत्मविश्वास से लबरेज गांधी ने यहां शुक्रवार को उनके सम्मान में आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों से कहा, मीडिया में कई लोगों को भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को हकीकत से अधिक महत्वपूर्ण दिखाना पसंद है.

कृपया हिमाचल (प्रदेश) चुनाव को देखिए. कृपया कर्नाटक चुनाव को देखिए. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं… उन चुनावों को देखिए और आप पाएंगे कि कांग्रेस पार्टी भाजपा को हराने में पूरी तरह सक्षम है.

राहुल ने वाशिंगटन डीसी और इसके आस-पास से आए भारतीय अमेरिकियों के एक विविध समूह को संबोधित करते हुए कहा, हम साथ मिलते हैं और आम तौर पर अलग-अलग दल के रूप में लड़ते हैं, लेकिन हम पटल पर भारत के लिए एक वैकल्पिक सोच को रखकर लड़ते हैं और हम इसी पर काम कर रहे हैं. सभी विपक्षी दल बातचीत कर रहे हैं. मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह बातचीत बहुत प्रभावशाली तरीके से आगे बढ़ रही है.

राहुल गांधी ने कहा, यह हमारे देश को लेकर दो विचारधाराओं की लड़ाई है. एक हमारे देश के शांतिपूर्ण, अहिंसक, सत्यवादी और विनम्र क्षेत्र होने संबंधी महात्मा गांधी का दृष्टिकोण है. यह ऐसी सोच है, जिसमें हमारे सभी लोग, चाहे वे किसी भी धर्म से हों, किसी भी जाति से हों और कोई भी भाषा बोलते हों, हमारे राष्ट्र की प्रगति में समान रूप से भागीदार हैं. यह ऐसा देश बनाने की सोच है, जिसमें हर भारतीय स्वयं को अभिव्यक्त करने के लिए स्वतंत्र महसूस करता हो और स्वयं को हमारे राष्ट्र के हिस्से के रूप में देखता हो.

राहुल गांधी ने कहा, दूसरी तरफ, आरएसएस की विभाजनकारी अहंकार, अवैज्ञानिक आक्रामकता की सोच है. यह (इन) दोनों (विचारधाराओं) के बीच लड़ाई है. ये कोई नए विचार नहीं हैं. ये नयी विचारधाराएं नहीं हैं. यह लड़ाई कई वर्षों से जारी है. मैं कहूंगा कि यह हजारों साल से जारी है. … मुझे पूरा विश्वास है कि प्रेम और स्नेह करना भारत की प्रकृति है. हिंसक होना और घृणा करना हमारे स्वभाव में नहीं है. इसलिए, मुझे भरोसा है कि (महात्मा) गांधी की सोच की ही जीत होगी.

गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है. उन्होंने कहा, उनके पास मीडिया है. उन्होंने संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है. वे सभी संस्थाओं पर दबाव बनाते हैं… इसलिए उनकी आवाज अधिक सुनी जाती है, लेकिन तर्क की आवाज, स्नेह की आवाज को कम मत आंकिए. हमारे देश में प्यार की ताकत है. यह बहुत-बहुत शक्तिशाली है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय अमेरिकी, अमेरिका में भारत के दूत की तरह हैं. राहुल गांधी ने कहा, मैं शब्दों में यह नहीं बता सकता कि आपने हमारे देश को कितना गौरवान्वित किया है, आपने यहां कितना (अहम) काम किया है, आपने हमारे देश की छवि में कितना योगदान दिया है, आपने अमेरिका एवं भारत के बीच कैसे सेतु निर्माण किया है. मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण संबंध है और इसे और मजबूत करने की आवश्यकता है. जैसा कि मैंने अमेरिका में अपने मित्रों से कहा है कि हमारे बीच रक्षा संबंध हैं, लेकिन हमें इन संबंधों को और विस्तार देने की आवश्यकता है.