पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत की झोली में डाला तीसरा पदक

टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय शटलर पीवी सिंधु ने इतिहास रच दिया है। सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेले गए मुकाबले में चीन की ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से मात दी। सिंधु ने चीन की खिलाड़ी के खिलाफ पहला सेट आसानी के साथ जीता, लेकिन दूसरे सेट में उन्हें जीतने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। इस जीत के साथ ही सिंधु भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने लगातार दो ओलंपिक खेलों में देश के लिए पदक जीता है।

दिग्गज पहलवान सुशील कुमार बीजिंग 2008 खेलों में ब्रॉन्ज और लंदन 2012 खेलों में सिल्वर पदक जीतकर ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। सिंधु ने इससे पहले ब्राजील के शहर रियो में हुए ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल हासिल किया था, लेकिन वह गोल्ड लाने से महज एक कदम दूर रह गईं थीं। तब उन्हें फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी। पिछले ओलंपिक में भारतीय दल ने सिर्फ दो मेडल ही हासिल किए थे। इसमें सिंधु के अलावा कुश्ती में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल कर कब्जा जमाया था।

सिंधु के अलावा टोक्यो में अब तक वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने ही पदक पर मुहर लगाई है। मीराबाई ने महिलाओं की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा के 49 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था। इसके लिए उन्होंने 202 किलो का कुल भार उठाया, जबकि लवलीना ने महिलाओं की 69 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया और इस ओलंपिक में देश के लिए दूसरा पदक पक्का किया था।

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बैडमिंटन की बात करें तो भारत को बैडमिंटन में ओलंपिक में 3 मेडल मिले हैं। साइना नेहवाल ने लंदन ओलंपिक 2012 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।सिंधु को सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के खिलाफ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। सिंधु भले ही गोल्ड ना जीत पाई हों पर उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।