वास्तु शास्त्र में अलग-अलग चीजों के लिए नियम बताए गए है, जिनके अनुसार कार्य करने से जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, वास्तु शास्त्र में कई चीजों के बारे में बताया गया है। जैसे वास्तु शास्त्र में नौकरी, बिजनेस के अलावा पूजा-पाठ की चीजों के बारे में भी जानकारी दी गई है। वास्तु शास्त्र में पूजा पाठ से जुड़े ऐसे कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना शुभ फलकारी होता है। वास्तु शास्त्र में पूजा-पाठ से जुड़ी ऐसी कई चीजों के बारे में बताया गया है, जिन्हें जमीन पर रखना अपशगुन माना गया है।
1. शालिग्राम या शिवलिंग- शास्त्रों में शालिग्राम को भगवान विष्णु का और शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना गया है। इसलिए इन्हें कभी भी भूलकर जमीन में नहीं रखना चाहिए। मंदिर की साफ-सफाई के दौरान लोगों से ये गलती होने की आशंका रहती है। ऐसे में सफाई करते समय इन्हें किसी कपड़े में रखकर किसी स्वच्छ स्थान पर रखना चाहिए।
2. धूप, दीप, शंख और पुष्प- भगवत गीता के अनुसार, शंख, दीप, धूप, यंत्र, पुष्प, तुलसीदल, कपूर, चंदन, जपमाला आदि जैसी पूजापाठ की चीजों को जमीन पर नहीं रखना चाहिए। कहते हैं कि इन सभी चीजों का प्रयोग पूजा में किया जाता है, इसलिए इन्हें कभी जमीन पर सीधे नहीं रखना चाहिए।
3. रत्न- शास्त्रों के अनुसार, मोती, हीरा और सोना जैसे बहुमूल्य रत्न को कभी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। कहते हैं कि धातु का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। ऐसे में इन्हें सीधे जमीन पर रखना अपशगुन माना जाता है। अगर आपके पास इनसे जुड़ा कोई भी गहना है तो उसे सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
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4. सीप- कहते हैं कि सीप की उत्पत्ति समुद्र से होने के कारण इसका संबंध लक्ष्मी जी से माना जाता है। इस कारण इसे सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा में सीप और कौड़ी का विशेष महत्व होता है। इसलिए इन्हें जमीन पर नहीं रखना चाहिए।