योगी सरकार के बजट में तीर्थ नगरी सोरों की उपेक्षा पर नाराज हैं पुरोहित

हाल ही में प्रदेश की योगी सरकार ने बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में सभी वर्ग को सुविधाएं दी गई हैं। विभिन्न क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित करने के लिए योजनाएं प्रस्तुत की गई हैं, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध तीर्थ स्थली शूकर क्षेत्र सोरों के लिए कुछ भी नहीं दिया है। जिससे तीर्थ पुरोहित सरकार की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट एवं नाराज हो गए हैं।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में प्रस्तुत किए गए बजट में जनपद कासगंज को पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज तैयार करने का प्रावधान रखा है, लेकिन तीर्थ नगरी को विकास के लिए कुछ भी न देकर के पुरोहितों को नाराज कर दिया है।

गंगा भक्त समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र भारद्वाज ने कहा है कि प्रदेश सरकार सोरों की उपेक्षा करती चली आ रही है। तुलसीदास की जन्मस्थली रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पूर्व बांदा को धनराशि उपलब्ध कराई थी, लेकिन सोरो को उपेक्षित रखा था। समाजसेवी एवं पुरोहित पंडित कन्हैयालाल त्रिवेदी ने कहा है कि महाकवि संत तुलसीदास की जन्मस्थली शूकर क्षेत्र सोरों ही है। इसके अलावा यहां भगवान वराह की मोक्षस्थली पौराणिक ग्रंथों में उल्लिखित है। इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार उपेक्षा करती जा रही है। सोरों को तीर्थ स्थल घोषित कर यहां के विकास को नए आयाम देने चाहिए थे।

वरिष्ठ अधिवक्ता उपेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि शूकर क्षेत्र सोरों विश्व के सभी तीर्थों से जो के बराबर श्रेष्ठ है। इसके अलावा यहां महाकवि संत तुलसीदास का जन्म हुआ था। इस आधार को मानकर प्रदेश सरकार को बजट में विकास के लिए धनराशि अवमुक्त करनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। जिससे यहां का पुरोहित समाज प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली से पूरी तरह संतुष्ट नही है।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेश चंद्र पटियात ने भी प्रदेश सरकार को धोखाधड़ी करने वाली सरकार बताया है। उन्होंने कहा है कि शूकर क्षेत्र सोरों के विकास के लिए कोई योजना बजट में ना देना प्रदेश सरकार के लिए आने वाले चुनाव में क्षति पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा है कि सोरो जैसे तीर्थ की उपेक्षा करना, प्रदेश सरकार के राम राज्य बनाए जाने का सपना साकार नहीं कर सकता है।

समाजसेवी अनीता उपाध्याय का कहना है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह ने शूकर क्षेत्र सोरों को तीर्थ स्थली की संज्ञा दी थी, लेकिन इस सरकार ने तीर्थ स्थली के विकास के लिए बजट में कोई प्रस्तुतीकरण नहीं दिया। जिससे सोरों सहित आसपास के क्षेत्र के विप्र समाज को गहरा धक्का लगा है।

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तीर्थ स्थल की घोषणा के लिए फिर होगा आंदोलन

अखंड आर्यावर्त निर्माण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश शर्मा ने कहा है कि सोरों को तीर्थ स्थली घोषित कराए जाने एवं यहां के विकास कराने के लिए एक बार फिर से आंदोलन किया जाएगा। पूर्व में पूरे जनपद से विभिन्न समाज एवं संगठनों ने पोस्टकार्ड अभियान जारी किया था। जो सफल रहा लेकिन इस बार बजट में एक बार फिर से शुरू कर क्षेत्र सोरों की उपेक्षा हुई है। इसके लिए जल्द ही आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर विकास के लिए बिगुल फूंका जाएगा।