स्मृति ईरानी के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करना प्रोफेसर को पड़ा भारी, पड़ा तगड़ा कानूनी थप्पड़

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करना प्रोफेसर शहरयार अली को काफी महंगा पड़ा है। दरअसल, इस आपत्तिजनक टिप्पणी की वजह से प्रोफेसर शहरयार अली सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। हालांकि, गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने कानूनी हथकंडे भी अपनाए लेकिन अदालत ने उनकी सारी कोशिशें विफल कर दी। पुलिस ने आरोपी प्रोफ़ेसर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

प्रोफेसर ने बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक में खटखटाया दरवाजा

मिली जानकारी के अनुसार, प्रोफेसर शहरयार अली ने मार्च 2021 को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ फेसबुक पर अश्लील टिप्पणी की थी। इस अश्लील टिप्पणी की वजह से उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के जिला व सत्र न्यायधीश अनुराग कुमार के सामने सरेंडर किया था। इस दौरान उन्होंने जमानत याचिका भी दायर की। हालांकि, अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

प्रोफेसर शहरयार अली की बेल को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि आप इस तरीके से महिलाओं को बदनाम नहीं कर सकते। आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ बदनाम करने के लिए नहीं कर सकते। किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है? आलोचना करने का भी एक तरीका होता है। चुटकुला कहने का भी एक तरीका होता है। आप किसी को भी आप जो चाहते हैं, कहकर भाग नहीं सकते हैं।

बता दें कि प्रोफेसर अली ने इसी साल मई 2021 में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी औऱ सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई 2021 को इस केस में सुनवाई की। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि शुरुआती तौर पर प्रोफेसर के आचरण के चलते उन्हें जमानत का अधिकार नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने अली को रेगुलर बेल के लिए पहले आत्म समर्पण करने लिए कहा था, जो कानून सम्मत होगा।

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इसके बाद प्रोफेसर की ओर से हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। हालांकि, यहां भी उनको मुंह की खानी पड़ी। उनकी याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने स्पष्ट कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल दूसरों को बदनाम करने के लिए नहीं किया जा सकता है। न्यायाधीशों ने आगे कहा कि लोगों को उस भाषा के प्रति सचेत रहना चाहिए, जो वे सोशल मीडिया पर दूसरों की आलोचना या उपहास करने के लिए करते हैं।

आपको बता दें कि शहरयार अली फिरोजाबाद के एसआरके कॉलेज में इतिहास विभाग के प्रमुख हैं। 55 वर्षीय प्रोफेसर ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के साथ एक अश्लील फेसबुक पोस्ट साझा किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रोफेसर अली नौकरी छोड़कर फरार हो गए थे।