मोदी सरकार के फैसले का शुरू हुआ राजनीतिकरण, मायावती-मौर्य ने दी प्रतिक्रिया

मोदी सरकार द्वारा बीते दिन लिए गए मेडिकल कालेजों में ओबीसी व सामान्य गरीबों के लिए आरक्षण देने के निर्णय को लेकर सियासी गलियारों से तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने इस फैसले को साहसिक बताया है। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को देर से लिया गया सही फैसला करार दिया है। इसके साथ ही मायावती ने इसे चुनावी राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया फैसला भी बताया है।

मायावती ने ट्वीट कर दी प्रतिक्रिया

मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को दो ट्वीट किये। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि देश में सरकारी मेडिकल कालेजों की आल-इण्डिया की यूजी व पीजी सीटों में ओबीसी कोटा की घोषणा काफी देर से उठाया गया कदम है। केन्द्र सरकार अगर यह फैसला पहले ही समय से ले लेती तो इनको अबतक काफी लाभ हो जाता, किन्तु अब लोगों को यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ हेतु लिया गया फैसला लगता है।

वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि वैसे बसपा बहुत पहले से सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी व ओबीसी कोटा के बैकलॉग पदों को भरने की मांग लगातार करती रही है, किन्तु केन्द्र व यूपी सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इन वर्गों के वास्तविक हित व कल्याण के प्रति लगातार उदासीन ही बनी हुई हैं, यह अति दुःखद है।

वहीं उप्र सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत व सामान्य वर्ग के ग़रीबों को 10 प्रतिशत मेडिकल सीटों के लिए आरक्षण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देकर साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय किया है। इसका स्वागत व अभिनन्दन आभार व्यक्त करता हूँ। आगे उन्होंने लिखा कि 56 इंच का सीना है सर उठाकर जीना है।

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केशव प्रसाद मौर्य ने दूसरा ट्वीट किया कि कुशल नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने मेडिकल और डेंटल कोर्स के ऑल इंडिया कोटा यूजी और पीजी सीटों ओबीसी को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।